• Thu. Sep 18th, 2025

Star uk news

अपना उत्तराखंड

ज्ञानवापी मन्दिर परिसर हिन्दूओं को सौपे केन्द्र सरकारःअखाड़ा परिषद

Bystaruknews

May 24, 2022

ज्ञानवापी मन्दिर परिसर हिन्दूओं को सौपे केन्द्र सरकारःअखाड़ा परिषद

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी जी महाराज एवं महामंत्री श्रींमहंत हरिगिरि महाराज ने केन्द्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार से ज्ञानवापी मंदिर को अबिलम्ब हिंदुओं को सौपने की मांग की है । कहा कि माननीय न्यायालय की ओर से गठित सर्वे टीम द्वारा हुये सर्वे के बाद यह साबित हो चुका है कि ज्ञानवापी मस्जिद काशी विश्वनाथ का विश्वेश्वरनाथ मन्दिर था,जिसे तत्कालीन आंक्रान्ताओं ने नष्ट करने का पाप किया। कहा कि अब जबकि ज्ञानवापी मे शिवमन्दिर होने के प्रमाण मिल चुका है तो इस स्थान को हिन्दुओं का सौप देना चाहिए। कहा कि ज्ञानवापी मन्दिर मे महादेव विश्वेश्वरनाथ की पूजा अर्चना होती थी,जिसका बर्णन चीनी यात्री फहयान एवं हून्येसांग ने भी अपनी किताब मे की है। इस मन्दिर महारानी अहिल्याबाई ने जीर्णोद्वार कराया था। लेकिन दुभाग्र्यवश एक अत्याचारी शासक ने अपनी जिद मे हिन्दूओं के पौराणिक स्थल को नष्ट करने का प्रयास किया। लेकिन आखिरकार महादेव प्रकट हो ही गये। परिषद के अध्यक्ष एवं माॅ मंशादेवी मन्दिर ट्रस्ट प्रमुख श्रीमहंत रविन्द्रपुरी जी महाराज ने कहा कि अखाड़ा परिषद जल्द ही इस मामले मे केन्द्र एवं यूपी सरकार से मिलकर इस स्थान को हिन्दूओं को सौपने की मांग करेगा। अखाड़ा परिषद महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने कहा कि काशी मे ज्ञानवापी मस्जिद है ही नही,बल्कि जिसे ज्ञानवापी मस्जिद कहा जा रहा है वह काशी विश्वनाथ का विश्वेश्वरनाथ महादेव मन्दिर है,जिसका महारानी अहिल्यावाई होल्कर ने जीणोद्वार कराया था। कहा कि 405 ईसबी में चीनी यात्री फ़ाहियान तथा 635 ई, मे भारत भ्रमण पर आए हुनसांग ने अपने प्रसिद्व यात्रा वृत्तांतो मे काशी के अविमुक्तेश्वरानंद या विशेश्वर नाथ का जिक्र किया है। इस पौराणिक मंदिर को तोड़ने का मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा कई बार प्रयास किया गया।12 शदी मे मोहम्मद गोरी के सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक ने,17वी शताब्दी मे शाहजहां ने इस मन्दिर को तोड़ने का असफल प्रयास किया था। लेकिन सन 1669 मे मुस्लिम शासक औरंगजेब ने इस मंदिर को तुड़वा दिया और इसके अवशेष से ज्ञानव्यापी मस्जिद का निर्माण कर दिया। सन 1776,78 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई ने काशी विश्व नाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया। पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने कई मन स्वर्ण देकर इसके शिखर को स्वर्ण मण्डित कराया।उन्होने कहा कि सनातन धर्म को खत्म नही किया जा सकता,इस धर्म को दवाने का प्रयास हो सकता है,लेकिन सनातन धर्म अपने आप मे शाश्वत है,जिसे खत्म नही किया जा सकता। उन्होने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि ज्ञानवापी मे शिवलिंग होने के प्रमाण मिल जाने के बाद अब ज्ञानवापी मन्दिर को हिन्दूओं को सौंप देना चाहिए। साथ ही .़केन्द्र एवं राज्य सरकार ज्ञानवापी स्थान पर भव्य मन्दिर का निर्माण किया जाना चाहिए।कहा कि जल्दी ही दोनों सरकार से मिलकर ज्ञानवापी मंदिर को हिंदुओं को सौपने की मांग की जायेगी। कहा कि इस मामले को लेकर देशव्यापी जनजागरण अभियान चलाया जायेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed

Sory