स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने नदी संवाद में मुख्य अतिथि के रूप में किया सहभाग

। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने वर्चुअल रूप से नदी संवाद में मुख्य अतिथि एवं प्रमुख वक्ता के रूप में सहभाग किया। इस अवसर पर भारत की नदियों को उनका स्वाभाविक अविरल और निर्मल प्रवाह सुलभ हो विषय में चिंतन मंथन किया गया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि नदियां धरती की रूधिर वाहिकायें हैं। धरती के सौन्दर्य की कल्पना नदियों के बिना नहीं की जा सकती। जल की हर बूँद में जीवन है इसलिये उसका उपयोग भी उसी प्रकार करना होगा।
स्वामी जी ने कहा कि जल को बनाया तो नहीं जा सकता परन्तु संरक्षित जरूर किया जा सकता है। जल का मुद्दा किसी संगठन, राज्य और राष्ट्र का नहीं बल्कि सम्पूर्ण मानवता का है इसलिये यह अन्तर नहीं किया जाना चाहिये कि कौन-सा पानी किसका है?
स्वामी जी ने कहा कि जिस प्रकार वर्षाजल पर किसी का अधिकार नहीं है वैसे ही नदी और समुद्र के जल को भी बिना सीमाओं में बांधे तथा उस पर मालिकाना अधिकार स्थापित किये बिना सिर्फ रख-रखाव की जिम्मेदारी के साथ नदी जोड़ो जैसी विशाल परियोजना पर काम शुरू करना होगा।
नदी जोड़ो परियोजना से सूखाग्रस्त राज्यों के सामने जो स्वच्छ पेयजल की समस्या है उसे दूर किया जा सकता है; इससे मॉनसून वर्षा पर जो किसानों की निर्भरता है उसे काफी हद तक समाप्त किया जा सकता है और बिजली की पैदावार भी अधिक की जा सकती है तथा इससे काफी हद तक बाढ़ और सूखे की स्थिति से निजात मिल सकती है। देश में जल प्रबंधन हेतु नदियों को आपस में जोडना़ जरूरी है इससे जिन नदियों में जल अधिक है उस जल का उपयोग समुद्र में जाने से पहले किया जा सकता है।
स्वामी जी ने कहा कि नदी जोड़ो परियोजना सभी के साझा हितों के लिये है इसलिये इसे लागू किया जाना नितांत आवश्यक है और इसके लिये सरकार और समाज दोनों को साथ आना होगा।
इस कार्यक्रम में माननीय श्री के एन गोविन्दाचार्य जी, राष्ट्रीय चिंतन एवं प्रेरणास्रोत नदी संवाद, श्री महेन्द्र गर्ग जी, राष्ट्रीय संयोजक, राष्ट्रीय स्वाभिमान आन्दोलन, श्री अनिल अग्रवाल जी, शिक्षाविद् एवं राज्यसभा सांसद, श्रीमती आशा शर्मा जी महापौर, श्री संजय जोशी जी, पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री भाजपा, श्री रमेश चन्द्र तोमर जी, पूर्व सांसद, श्री अतुल गर्ग जी, विधायक, श्री बालेश्वर त्यागी जी, पूर्व मंत्री, उत्तरप्रदेश, श्री प्रदीप बंसल जी, संस्थापक यमुना मिशन, श्री बलदेव राज शर्मा जी, नदी संवाद कार्यक्रम आयोजन समिति के श्री सुभाष गर्ग जी और अनेक विद्वानों व चिंतकों ने सहभाग कर अपने विचार व्यक्त किये।