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स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दीभारत को अपना राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ देने वाले महापुरूष को नमन

Bystaruknews

Jun 27, 2022

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दीभारत को अपना राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ देने वाले महापुरूष को नमन

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भारत के महान उपन्यासकारों और कवियों में से एक, जिन्होंने भारत को अपना राष्ट्रीय गीत दिया, ऐसे महापुरूष श्री बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।


स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि भारत अपनी समृद्ध कला और सांस्कृतिक विरासत के लिये जाना जाता है। जैसे-जैसे समाज बदलता है, वैसे-वैसे कला और साहित्य भी बदलता है परन्तु कुछ रचनायें होती है जिनमें सदैव ही राष्ट्रवाद का गौरव निहित होता है वंदे मातरम् उनमें से एक है। श्री बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय जी द्वारा रचित महाकाव्य आनंदमठ ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रेरणास्रोत का कार्य किया।
स्वामी जी ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है। किसी भी समाज में साहित्य के माध्यम से मानवीय जीवन का प्रतिबिंब परिलक्षित होता है। श्रेष्ठ साहित्य सामाजिक चेतना को सकारात्मक दिशा देने का कार्य करते हैं। वंदे मातरम् और जन गण मन जैसे राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत गीतों से प्रेरित होकर भारत माँ के अनेक वीरों और वीरांगनाओं ने भारत माँ के चरणों में अपने प्राणों को समर्पित कर दिया।
भारत एक विविध संस्कृतियों और परम्पराओं का देश है, जहाँ पर थोड़ी सी दूरी पर भाषायें, संस्कृतियां, पहनावा, खान-पान और बोल-चाल का ढंग बदल जाता है। यहां पर हर एक राज्य की अपनी अलग पहचान है और इस पहचान में विभिन्न संस्कृतियों की झलक देखने को मिलती है परन्तु हम सभी की राष्ट्रीयता एक है। स्वामी जी ने युवाओं का आह्वान करते हुये कहा कि अपने हृदय में राष्ट्र भक्ति का दीप सदैव प्रज्वलित रखना क्योंकि राष्ट्र है तो हम हंै, हमारी संस्कृति है और हमारा भविष्य है।
आज की परमार्थ गंगा आरती श्री बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी को समर्पित की तथा गंगा आरती के पश्चात वंदे मातरम् का गायन कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

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