
श्री हरि को समर्पित है पवित्र कार्तिक मास-स्वामी भास्करानंद
हरिद्वार, 5 नवम्बर। श्रद्धालु भक्तों को कार्तिक पूर्णिमा के महत्व से अवगत कराते हुए अखण्ड दयाधाम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद महाराज ने कहा कि श्री हरि को समर्पित कार्तिक मास सनातन हिंदू धर्म का सबसे पवित्र महीना है। शास्त्रों में बताया गया है कि कार्तिक मास के समान कोई महीना नहीं, सतयुग के समान कोई युग नहीं, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं है। कार्तिक मास में किए गए सभी शुभ कार्य स्नान, दान, व्रत और दीपदान को भगवान नारायण स्वयं स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि सावन में भगवान शिव को सृष्टि का भार सौंपकर क्षीर सागर में योग निद्रा पर जाने के बाद भगवान विष्णु कार्तिक मास में जागते हैं और सृष्टि संचालन का दायित्व पुनः संभालते हैं। भक्तों को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद महाराज ने कहा कि कार्तिक मास में गगा स्नान, दीपदान और तुलसी पूजा का विशेष महत्व है। पवित्र कार्तिक मास में गंगा स्नान, दान, व्रत और सात्विक भोजन करने से जन्म जन्मांतर के पापों से मुक्ति और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। परिवार में सुख समद्धि का वास होता है। स्वामी भास्करानंद महाराज ने बताया कि कार्तिक मास को दामोदर मास के नाम से भी जाना जाता है। भगवान विष्णु को तुलसी अत्यन्त प्रिय है। कार्तिक मास में सुबह-शाम तुलसी के समक्ष दीपक जलाने से पुण्य मिलता है। कार्तिक पूर्णिमा को तुलसी विवाह का आयोजन करने से भगवान नारायण अत्यन्त प्रसन्न होते हैं।
महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद महाराज के शिष्य अमित वालिया ने बताया कि समाज को ज्ञान की भक्ति की प्रेरणा दे रहे स्वामी भास्करानंद महाराज उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी में नीलाद्री भक्त निवास में श्याम अग्रवाल इंदौर, प्रदीप कुमार अग्रवाल गिरडीह, प्रभाकर बागरिया कलकत्ता के संयोजन मे 5 जनवरी से 11 जनवरी तक आयोजित होने वाली श्रीमद् भागवत कथा में भक्तों पर अमृतज्ञान की वर्षा करेंगे।
