
अघोरी अखाड़े के अध्यक्ष स्वामी डा.आर.मणिकंदन ने की अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी से भेंट
विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति है सनातन धर्म संस्कृति-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
हरिद्वार, 29 अक्तूबर। तमिलनाडु के मां अघोर काली मंदिर के परमाध्यक्ष एवं अघोरी अखाड़े के अध्यक्ष आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डा.आर.मणिकंदन ने निरंजनी अखाड़ा पहुंचकर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रंिवंद्रपुरी महाराज से भेंट की और 2027 के कुंभ मेले को लेकर चर्चा की। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने शॉल ओढ़ाकर स्वामी डा.आर.मणिकंदन का स्वागत किया। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा सनातन धर्म संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति है। मां काली के अनन्य भक्त स्वामी डा.आर.मणिकंदन पूरे विश्व में सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2027 में हरिद्वार होने वाला कुंभ मेला पूरी भव्यता और दिव्यता से संपन्न होगा। कुंभ मेले को सफलतापूर्वक संपन्न कराने और मेले के दौरान देश दुनिया से आने वाले संतों और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं दिलाने के लिए अखाड़ा परिषद प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार से निरंतर वार्ता की जा रही है। कुंभ मेले के दौरान सतों और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डा.आर.मणिकंदन ने कहा कि अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज विद्वान संत हैं। उनके नेतृत्व में प्रयागराज महाकुंभ जिस प्रकार दिव्य और भव्य रूप से संपन्न हुआ है। संत समाज को पूरा विश्वास है कि हरिद्वार कुंभ मेले का आयोजन भी शानदार होगा। कुंभ मेले के दौरान हरिद्वार के गंगा तटों से प्रसारित होने आध्यात्मिक संदेशों से पूरे विश्व को मार्गदर्शन प्राप्त होगा। स्वामी डा.आर.मणिकंदन ने बताया कि हरिद्वार कुंभ मेले में अघोरी अखाड़ा भी अपना शिविर स्थापित करेगा। शिविर के माध्यम से अखाड़े के संत और अनुयायी सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे।
