कथा को व्यापार ना बनाएं कथावाचक-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
हरिद्वार, 1 जुलाई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि कथावाचक कथा को व्यापार ना बनाएं। जिस प्रकार डोगरे जी महाराज कथा करते थे। उससे सीख लें। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि कथा प्रवचन उसे ही करना चाहिए। जिसे इसका पूरा ज्ञान हो। कथा में शब्दों और मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। लेकिन आजकल कथा के नाम पर जो कुछ हो रहा है। उसे देख सुनकर दुख होता है। कथा में फिल्मी गाने गाए जा रहे हैं। कथावाचक ताली बजवाने के लिए कुछ भी बोल देते हैं। उन्होंने कहा कि कथा करने का प्रत्येक व्यक्ति को अधिकार है। लेकिन कथा करने से पहले इसका पूर्ण ज्ञान प्राप्त करें। भागवत का गहन अध्ययन करें। इसके बाद सनातन संस्कृति के अनुरूप कथा प्रवचन करें। कथा कहने के दौरान अपने शब्दों पर नियंत्रण रखें। जिससे कोई विवाद उत्पन्न ना हो। इटावा में हुई घटना पर श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म मेंं जात पात का कोई स्थान नहीं है। इटावा मे जो कुछ हुआ। वह बेहद दुखद है। उन्होंने लोगों से जात पात के विवाद में नहीं पड़ने की अपील करते हुए कहा कि आपसी एकता बनाए रखने से ही सनातन धर्म मजबूत होगा। संतों को भी विवादित बयानों से बचना चाहिए।