समारोह पूर्वक मनाया गया माता रामभजन देवी का 116वां अवतरण दिवस
कथा सत्संग से मिले ज्ञान को आचरण में धारण करें-स्वामी ब्रह्मस्वरूप

हरिद्वार, 1 जून। गंगा भजन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी सत्यदेव महाराज की गुरू माता रामभजन देवी का 116वा अवतरण दिवस संत महापुरूषों व श्रद्धालु भक्तों के सानिध्य में समारोह पूर्वक मनाया गया। इस अवसर स्वामी सत्यदेव महाराज के संयोजन में पंतदीप में संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें संत महापुरूषों और श्रद्धालुओं ने माता रामभजन देवी पर पुष्पवर्षा कर मां गंगा से उनकी दीघार्यू की कामना की। संत सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए जयराम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने माता रामभजन देवी को अवतरण दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा, राम कथा व सत्संग आदि धार्मिक आयोजनों में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। लेकिन यह देखकर बड़ी पीड़ा होती है कि कथा सत्संग में शामिल होने के बाद भी परिवारों में विघटन बढ़ रहा है। सामाजिक स्तर पर भी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि कथा सत्संग से मिले ज्ञान को आचरण में धारण करंे। इससे ही समाज और परिवार का कल्याण होगा। सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए स्वामी सत्यदेव महाराज ने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें माता रामभजन देवी जैसी प्रखर संत का सानिध्य प्राप्त हुआ। पूज्य गुरूजनों से प्राप्त ज्ञान का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि वयोवृद्ध अवस्था में समाज को धर्म और अध्यात्म की प्रेरणा दे रही माता रामभजन देवी का जीवन सभी के लिए प्रेरणादायी है। कथाव्यास गौरदास महाराज ने कहा कि कुछ कथावाचकों ने कथा सत्संग को नाचने गाने, फिल्मी गानों और कव्वाली का मंच बना दिया है। कथाओं पर टीवी सीरियलों और फिल्मों पर चर्चा की जा रही है। ऐसे में युवा पीढ़ी कैसे संस्कारवान बनेगी। संत सम्मेलन का संचालन स्वामी रविदेव शास्त्री ने किया। इस अवसर पर कथाव्यास गौरदास महाराज, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, स्वामी ऋषिश्वरानंद, स्वामी दिनेश दास, स्वामी ज्ञानानंद, स्वामी कृष्णानंद, स्वामी ज्योर्तिमयानंद सहित कई संत महापुरूष और बड़ी संख्या में श्रद्धाल मौजूद रहे।