हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट पर इन दिनों कांग्रेस और भाजपा के बीच पोस्टर वार छिड़ चुका
हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट पर इन दिनों कांग्रेस और भाजपा के बीच पोस्टर वार छिड़ चुका है। हाल ही में यहां बहादराबाद और पथरी को जोड़ने वाले बहुप्रतीक्षित सुकरासा पुल का शासनादेश जारी हुआ है। ऐसे में कांग्रेस की वर्तमान विधायक अनुपमा रावत और भाजपा के पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानंद में राजनीतिक तलवारें खिंची हुई हैं। विधायक अनुपमा रावत पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पुत्री हैं, वहीं स्वामी यतीश्वरानंद पूर्व में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं, बीते विधानसभा चुनावों में अनुपमा ने उन्हें हरा दिया था, लेकिन प्रदेश में भाजपा सरकार बन गई और बिना विधायक रहते हुए भी स्वामी यतीश्वरानंद सत्ता और संगठन में अपनी पकड़ रखते हैं, ऐसे में बहादराबाद और पथरी को जोड़ने वाले सुकरासा पुल के शासनादेश का श्रेय लेने में दोनों ही जुट गए हैं। विधायक अनुपमा रावत का कहना है कि पुल स्वीकृत कराने के लिए विधानसभा में उन्होंने मुद्दा उठाया जिसके बाद ये स्वीकृत हुआ वहीं पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानंद का कहना है कि पिछले दस सालों से वे इस पुल को स्वीकृत कराने का प्रयास कर रहे थे। हालात ये हैं कि दोनों ने ही क्षेत्र भर में इस पुल का श्रेय लेते हुए होर्डिंग लगवाए हैं।