• Wed. Mar 12th, 2025

Star uk news

अपना उत्तराखंड

पतंजलि अनुसंधान के तत्वाधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

Bystaruknews

Mar 14, 2022

पतंजलि अनुसंधान के तत्वाधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

पतंजलि अनुसंधान संस्थान के तत्वाधान में आज उत्तराखंड स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (UCOST) द्वारा प्रायोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जोकि बौद्धिक सम्पदा का अधिकार, आवश्यकता, सम्भावना, जागरूकता तथा हर्बल मेडिसन में आने वाली आईपीआर सम्बंधित चुनौतियों पर आधारित थी।


संगोष्ठी का शुभारम्भ पतंजलि संस्थान के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण जी ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन से किया। इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि के रूप में पतंजलि विश्वविद्यालय के उप-कुलपति प्रोफेसर महावीर अग्रवाल जी ने कहा कि भारतीय पारम्परिक चिकित्सा पद्धति की महत्ता अनंत काल से चलती आ रही है तथा उसके संरक्षण एवं संवर्धन हेतु बौद्धिक सम्पदा के अधिकारों की जानकारी को ग्रहण करना भी हमारा अधिकार है।
इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए गेस्ट ऑफ ऑनर प्रोफेसर विनय कुमार कटियार जी ने मैकेनिकल एण्ड स्ट्रक्चरल से संबंधित बौद्धिक सम्पदा के अधिकारों के बारे में विस्तारपूर्वक समझाया। डॉ. शालीन रायजादा, सीईओ, सनशैडो प्राईवेट लिमिटेड ने आईपीआर फाईल करने के प्रक्रिया से संबंधित जानकारी देते हुए बौद्धिक सम्पदा के अधिकार के बारे में उपस्थित सभी जनों को इसकी जानकारी दी।
आईटीआई रूड़की के डॉ. रजत अग्रवाल ने आईपीआर प्रबंधन के सम्बंध में अपनी जानकारी साझा करते हुए कहा कि सबसे ज्यादा पेटेंट चीन तथा अमेरिका जैसे देशो के ग्रान्ट होते है, भारत को भी बौद्धिक सम्पदा के संरक्षण हेतु महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता हैं, जिससे आज भी हम अपनी धरोहर को सहज सके।
इसके साथ-साथ उत्तराखण्ड बागवानी तथा वानिकी विश्वविद्यालय के इंजीनियर तेजस भोसलें ने अपने सम्बोधन में कृषि तथा कृषि संबंधित क्षेत्र में आईपीआर का योगदान तथा पौधे की किस्म को संरक्षित करने के लिए आईपीआर प्रक्रिया से अवगत कराया।
पतंजलि अनुसंधान के वैज्ञानिक डॉ. ब्रिजेश कुमार, तथा पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं न्यूक्लीयर साइंसटिस्ट डॉ. पारन गोडा ने भी आईपीआर के सम्बंध में आवश्यक जानकारी देकर अपने विचार व्यक्त किये।
संगोष्ठी का शुभारम्भ एवं मंच का संचालन डॉ. वेदप्रिया आर्य जी ने अपने सुविचार रखकर किया, इसके उपरान्त उपस्थित मानुभावों का स्वागत एवं दीप प्रज्वलन डॉ. अनुराग वार्ष्णेय जी के दिशा निर्देशन में हुआ, इसके साथ ही कार्यक्रम का समापन एवं अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनुपम श्रीवास्तव जी ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sory