क्रोनिक विकारों के उपचार में मैनुअल नर्व थैरेपी महत्वपूर्ण कदम-डा.हेमंत जयसिंह

हरिद्वार, 5 जून। डा.हेमंत जयसिंह क्रोनिक विकारों के उपचार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में अभूतपूर्व मैनुअल नर्व थैरैपी लेकर आए हैं। जिसके लिए उनको भारत सरकार से कापीराईट भी प्राप्त हुआ है और इसके लिए उन्हें भारत सरकार से भारत चिकित्सा पुरूस्कार, राष्ट्रीय गौरव अवार्ड इंटनेशनल आईकन अवार्ड, इंडियन एचीवर अवार्ड, टॉप 100 सिटीजन्स अवार्ड भी मिला है। डा.हेमंत जयसिंह ने बताया कि नर्व थैरैपी में प्रत्येक नस एवं जोडों को दबा कर मैनूअली स्टीमुलस दिया जाता है। उदहारण के तौर पर एवीएन (एवैस्कुलर नेक्रोसिस) से पीड़ित मरीज का इलाज पेल्विक क्षेत्र के माध्यम से पुडेंडल तंत्रिका, टखने के अंदरूनी हिस्से में कैल्केनियल तंत्रिका में मैनूअली स्टीमुलस करके किया जाएगा। आर्थराइटिस या घुटने में गैप से पीड़ित मरीज का इलाज लिगामेंट्स यानी एसीएल, पीसीएल, एमसीएल और एसीएल के माध्यम से आवेग प्रदान करके किया जाएगा। लॉर्डाेसिस या स्कोलियोसिस या स्पोंडिलिटिस वाले मरीज का इलाज एल1 से एल5 और एस1 तंत्रिका जड़ तक धीरे से दबाकर किया जाएगा। ऑटिज्म से पीड़ित मरीज का इलाज डोरसल क्षेत्र और फोरामेन मैग्नम के माध्यम से मैनूअली स्टीमुलस प्रदान करके किया जाता है। इस तरह अंगूठे और तर्जनी से मैनूअली स्टीमुलस करके कई विकारों को रोका जा सकता है। डा.हेमंत जयसिंह ने बताया कि यह दृष्टिकोण वैकल्पिक चिकित्सा में एक नए युग की शुरुआत करता है। एमएनडी, ऑटिज्म, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस, डिस्क उभार, ऑस्टियो आर्थराइटिस, सर्वाईकल सहित विकारों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए एक गैर-औषधीय समाधान प्रदान करता है। डा.हेमंत जयसिंह ने कहा कि पारंपरिक उपचारों के विपरीत जो मालिश या व्यायाम आदि देकर शरीर के व्यापक क्षेत्रों को लक्षित करते हैं। मैनुअल नर्व थेरेपी प्रमुख तंत्रिका बिंदुओं पर सटीक आवेग पहुंचाती है, जिससे लक्षित उपचार और राहत मिलती है। उन्होंने आगे बताया कि यह थेरेपी पुराने दर्द से निपटने के हमारे तरीके में एक आदर्श बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है। मैन्युअल रूप से न्यूरोस्टिम्यूलेशन द्वारा हम न केवल लक्षणों का प्रबंधन कर सकते हैं। बल्कि अंतर्निहित विकृति को भी संबोधित कर सकते हैं। जिससे रोगियों को सही उपचार और रिकवरी का मौका मिलता है। नर्व थेरेपी उपचार के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाती है। जिसका उद्देश्य केवल लक्षणों को कम करने के बजाय प्रभावित क्षेत्रों में संतुलन और कार्य को बहाल करना है। तंत्रिकाओं और जोड़ों को मैन्युअल रूप से जोड़कर, चिकित्सक शरीर के भीतर प्राकृतिक उपचार प्रक्रियाओं को बढ़ावा देते हैं। जिससे समग्र कल्याण को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा नर्व थेरेपी का एक प्रमुख लाभ इसकी बहुमुखी प्रतिभा और विभिन्न चिकित्सा स्थितियों के लिए अनुकूलनशीलता है। चाहे वह तंत्रिका संबंधी विकार हों, स्वप्रतिरक्षी रोग हों या मस्कुलोस्केलेटल समस्याएं हों। यह तकनीक एक व्यापक समाधान प्रदान करती है जो पारंपरिक उपचारों का पूरक है या गैर-आक्रामक विकल्पों की तलाश करने वाले व्यक्तियों के लिए विकल्प के रूप में कार्य करती है।