युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिए ब्रह्म राष्ट्र एकम एक दिवसीय सम्मेलन
देश में सनातन परंपरा को लेकर कुछ नेताओं द्वारा विवादित बयान दिए जाते हैं जिससे सनातन परंपरा से जुड़े लोग काफी आहत होते हैं कुछ दिनों पूर्व रामचरित्र मानस पर समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा विवादित बयान दिया गया था जिसके बाद पूरे देश में स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध संत समाज और सनातन परंपरा से जुड़े लोगों द्वारा किया गया आज धर्मनगरी हरिद्वार में भूमापीठाधीश्वर अच्युतानंद तीर्थ के अध्यक्षता में ब्रह्म राष्ट्र एकम एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें देश के कोने-कोने से आए सनातन परंपरा से जुड़े लोग शामिल हुए कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय संस्कृति से युवाओं को जोड़ना है कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति के कई कार्यक्रम भी आयोजित किए गए

ब्रह्म राष्ट्र एकम के संस्थापक सदस्य सचिन सनातनी का कहना है कि सनातन परंपरा के प्रचार के प्रति ब्रह्म राष्ट्र एकम कार्य करती है हरिद्वार में आयोजित किया जा रहा है यह सम्मेलन हमारा दूसरा है इस एक दिवसीय कार्यक्रम के माध्यम से अखंड भारत के रूप में बांधने का कार्य किया जा रहा है जिससे हमारे देश के युवा अपनी भारतीय संस्कृति धर्म संस्कृति से जुड़ सकें

भूमापीठाधीश्वर अच्युतानंद तीर्थ का कहना है कि ब्रह्म राष्ट्र एकम का मतलब सिर्फ ब्राह्मण नहीं है इसमें सभी वर्ग के लोग शामिल है आज रामचरित्र मानस पर लोग आपत्तिजनक बयान देते हैं क्या इस देश में ब्राह्मण वैश्य क्षत्रियों को रहने का अधिकार नहीं है इसी को लेकर यह सम्मेलन किया जा रहा है सनातन परंपरा के लोग पक्षियों चीटियों शेर हाथियों और गाय में ब्रह्म को देखते हैं यही विश्व गुरु की व्याख्या होती है शूद्र हरिजन लोग भी ब्रह्म है इसलिए हम वेद परंपरा को मानते हैं हमारे बीच में भेदभाव अंग्रेज और मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा किया गया है हमारी सनातन भाषा में किसी भी जाति का अपमान नहीं है राष्ट्र को तोड़ने की परंपरा अब नहीं चलेगी राष्ट्र एक है और एक ही रहेगा

आज दिन रविवार को ब्रह्मराष्ट्र एकम द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम पूज्य महाराज भूमा पीठाधीश्वर अनंत श्री विभूषित स्वामी अच्युतानंद जी के पावन सानिध्य में अद्भुत मंदिर हरिपुर कलां (हरिद्वार) के सभागार में होने वाले राष्ट्रीय सनातन अधिवेशन की सम्पूर्ण जानकारी संस्था के संस्थापक और कार्यक्रम आयोजक डॉ सचिन सनातनी ने पहले सत्र में मुख्य वक्ताओं द्वारा पांच बिन्दुओ पर उन्होंने चर्चा की।

जैसे-
1.शिक्षा उन्नयन में सुधार,
2.युवाओं में नशा प्रवृति को रोकना,
3.पाश्चात्य संस्कृति की बोलचाल भाषा को रोकना,
4.ब्रिटिश न्यायिक प्रणाली के अनुपालन को भारतीय संस्कृति के अनुसार लाना,
5.भारत को हिन्दू महाशक्तिशाली राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के महाभियान आदि पर चर्चा होगी।
वहीं द्वितीय सत्र 4 बजे से 8 बजे तक में , काशी के प्रख्यात भजन सम्राट डॉ अमलेश शुक्ल की प्रस्तुति होंगी। साथ ही साथ उत्तराखंड के संस्कृति पर आधारित शास्त्रीय नृत्य व संगीत का आयोजन किया जायेगा। डॉ सचिन सनातनी जी ने ये भी बताया कि – जिस प्रकार हमारे सनातन धर्म पर आज के परिवेश में कटाक्ष किया जा रहा , जिसका अस्तित्व सदियों पुराना है और जिसका हज़ारो वैज्ञानिक प्रमाण विधमान है उसके बावजूद अपने सनातन धर्म के प्रति मानसिक विकार से ग्रसित लोग अनाप शनाप बाते करते है जो कि निंदनीय और अशोभनीय है। इन्ही सब सकारात्मक विचारों के साथ यह धर्म सम्मलेन किया जा रहा जो कि पिछला अधिवेशन श्रृंगेरी मठ (वाराणसी)में आयोजित हुआ था। ब्रह्मराष्ट्र एकम वसुधैव कुटुंबकम के भाव से कार्य कर रही है। जो इस धरती पर सभी मानव एक परिवार की तरह है और सभी के कल्याण की बात भारत सदियों से करता आ रहा है और सनातन पुरातन धर्म का पालन आज भी हम लोग निर्वहन करते चले आ रहें है और यें अब भारतीय युवाओं को सुसंस्कृत करने के लिए प्रेरित करेगी। प्रेस वार्ता में मुख्य अतिथि पूज्य महाराज भूमा पीठाधीश्वर जी , विशिष्ट अतिथि कुंवर राजेंद्र नरूका , राष्ट्रकवि गजेंद्र सोलंकी , पूर्व अध्यक्ष प्रदीप झा (गंगा महासभा) , महामंडलेश्वर ज्योतिर्मयी आनंद , संचालक आचार्य आनंद बल्लभ पांडेय व सुनील शास्त्री। ब्रह्मराष्ट्र एकम संगठन के प्रमुख न्यास सतीश चंद्र मिश्र, रविंद्र नाथ मिश्र, भूमा से राजेंद्र शर्माजी, पावन जी , उपेंद्र नाथ, संतोष कश्यप, अखिलेश रावत, दीन दयाल मिश्र, अभिषेक शुक्ल, बलराम मिश्र। साथ ही उत्तराखंड की हुमायूं और गढ़वाली लोक नृत्य भूमा मेडिकल कॉलेज की दो बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम आयोजक डॉ सचिन सनातनी जी व धन्यवाद ज्ञापन पंडित दिवाकर द्विवेदी , सतीश चंद्र मिश्रा , रविंद्र नाथ मिश्रा , वह प्रिया मिश्रा ने किया।