दिव्य और भव्य गंगा आरती का शुभारम्भपरमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी का पावन सान्निध्य
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में श्रीरामपुरम, न्यू कोलकाता घाट पर गंगा आरती का शुभारम्भ हुआ। सर्राफ परिवार और 5 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति में गंगा आरती का भव्य उत्सव लाॅन्च किया गया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आज एक ऐतिहासिक दिवस है रामकृष्ण परमहसं और स्वामी विवेकानन्द जी की धरती जो संगीत, कला, संस्कृति और अध्यात्म की धरती पर हम सभी को आरती करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। प्राचीन काल से ही नदियाँ माँ की तरह हमारा भरण-पोषण करती आ रही हैं। नदियों के तटों पर ही अनेक सभ्यताएँ विकसित हुयी हैं, अनेकों का जीवन और अनेक बस्तियाँ बसती है नदियों के तटों पर। नदियों का कल-कल निनाद करता जल न केवल मनुष्यों की बल्कि धरती की प्यास बुझाता है। नदियों का पावन तट सुकून, शांति और सकारात्मकता देने वाला है।
स्वामी जी ने कहा कि नदियाँ मानवता, मनुष्यता, पर्वों, उत्सवों और त्यौहारों को अपने विशाल हृदय में समेटे हम सभी को शान्ति प्रदान करती है इसलिये नदियों को बदले में हम प्लास्टिक कचरा और गंदगी नहीं दे सकते। परमार्थ निकेतन के नदी रूपी ईश्वर के अनमोल खजाने को सहेजने के लिये 1997 में परमार्थ निकेतन गंगा तट पर भव्य और दिव्य आरती का शुभारम्भ किया ताकि पूरी दुनिया नदियों की महत्ता को समझे। जिस दिन हम पूरी तरह से नदियों के महत्त्व को समझ जाएँगे उस दिन नदियों खुद हर स्वच्छ और निर्मल हो जायेगी।
स्वामी जी ने बताया कि वर्ष 1997 मंे परमार्थ गंगा तट पर गंगा आरती का क्रम आरम्भ किया था, अब यह गंगा आरती केवल भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व के पर्यटन और तीर्थाटन के मानचित्र पर उत्कृष्ट स्थान रखती है। परमार्थ निकेतन की दिव्य गंगा आरती में विश्व के अनेक देशों के आध्यात्मिक, राजनैतिक, फिल्मजगत, उद्योगजगत, वैज्ञानिक, पर्यावरणविद्, जल राजदूत, अनेक देशों के राष्ट्रपति, राज्यपाल, राजदूत, संगीत जगत की प्रमुख विभूतियां यहां पर अपना दिव्य समय व्यतित करते हैं। परमार्थ निकेतन में आने वाले श्रद्धालु आरती के माध्यम से मानवता की सेवा, पर्यावरण, जल संरक्षण और शान्ति का संदेश लेकर जाते हैं। यह संदेश प्रत्येक नदी के तट से प्रसारित हो इसलिये हर तट और हर घाट पर आरती का शुभारम्भ करना होगा। आज से कोलकाता में शुरू हुयी आरती के माध्यम से यही संदेश प्रसारित किया जा जायेगा।
इस अवसर पर श्री अमर सर्राफ, अजय कुमार जी, अर्चना सर्राफ , पूरे सर्राफ परिवार, सुश्री गंगा नन्दिनी त्रिपाठी, आचार्य दीपक शर्मा, आचार्य दीलिप जी और परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस दिव्य कार्य के लिये पूज्य स्वामी जी ने पूरे परिवार को विशेष आशीर्वाद दिया।