काव्य दिल की गीता के हिंदी संस्करण का विमोचन कट्टरपंथी सोच को दिया एक बड़ा संदेश

धर्म के नाम पर जहां एक तरफ भारत में उग्र विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं तो वही धर्म नगरी हरिद्वार में एक अनोखी तस्वीर देखने को मिली हरिद्वार में कलखल स्थित श्री हरेराम आश्रम में स्वर्ण जयंती महोत्सव आयोजित किया गया महोत्सव में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस खलीलुर्रहमान रम्दे शामिल हुए जहा उन्होंने उर्दू काव्य दिल की गीता के हिंदी संस्करण का विमोचन किया साथ ही उन्होंने इंसानियत का पैगाम देते हुए कहा कि सभी धर्म एक है और धर्म नहीं सिखाता आपस में बैर रखना धर्म का अर्थ है लोगों को जोड़ना ना कि उन्हें तोड़ना

खलीलुर्रहमान रम्दे का कहना है कि भगवत गीता हिंदू धर्म की धार्मिक किताब है मगर इसका अनुवाद एक मुसलमान ने उर्दू में किया और वह भी शायरी में दिल मोहम्मद कोई आम इंसान नहीं थे वह कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं 90 साल पहले इन्होंने भगवत गीता का उर्दू में अनुवाद किया और नाम रखा दिल की किताब इनका कहना है कि हिंदी और संस्कृत में लिखी गई भागवत गीता का एक मुसलमान ने उर्दू में अनुवाद किया इसको लेकर ब्रिटिश गवर्नमेंट ने उनको सम्मानित किया इस किताब का अनुवाद करने में उस वक्त एक हजार रुपए लगे थे यह राशि उस वक्त बहुत थी इसलिए हमें एक बात याद रखनी चाहिए कि धर्म सबको एक करता है धर्म का इस्तेमाल हमें लोगों को एक करने के लिए करना चाहिए ना कि तोड़ने के लिए
धर्म के नाम पर जिस तरह से इस वक्त भारत में उग्र विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं वह कहीं ना कहीं कट्टरपंथी सोच को उजागर कर रहे हैं धर्म नगरी हरिद्वार में आयोजित स्वर्ण जयंती महोत्सव में उन कट्टरपंथियों को एक संदेश दिया गया है कि धर्म नहीं सिखाता आपस में बैर रखना धर्म के नाम पर लोगों को एकजुट किया जाता है ना कि तोड़ना कार्यक्रम में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज कपिल मुनि महाराज श्री महल दामोदर दास हरि चेतन जी महाराज और भाजपा वरिष्ठ नेता विमल कुमार प्रदीप जोशी जी के अलावा भारी संख्या में साधु संत कार्यक्रम में मौजूद थे