

स्वामी गोविन्द देव गिरि जी महाराज पधारे परमार्थ निकेतन
परमार्थ गंगा आरती के दिव्य मंच से भजन सम्राट कन्हैया मित्तल के भजनों की धारा हुई प्रवाहित
परमार्थ गंगा तट पर चुनरी महोत्सव और गंगा लहरी का दिव्य पा
परमार्थ निकेतन में गंगा दशहरा के पावन अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, स्वामी गोविन्द देव गिरि जी, मानस कथाकार संत श्री मुरलीधर जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी और अन्य विशिष्ट अतिथियों के पावन सान्निध्य में गंगा जी को चुनरी समर्पित कर गंगा लहरी का दिव्य पाठ किया।
आज माँ गंगा के पावन तट पर भजन सम्राट कन्हैया मित्तल जी के भजनों को सुनकर सभी मंत्रमुग्ध हो गये।
गंगा दशहरा के पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन में भारतीय वन्य जीव संस्थान द्वारा जलज सेन्टर स्थापना की आज घोषणा की।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि गंगा की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिये प्रत्येक व्यक्ति को समर्पित होना होगा।
स्वामी गोविन्द देव गिरि जी महाराज ने पूज्य स्वामी जी और साध्वी जी के साथ व्यतीत की विभिन्न स्मृतियों को याद करते हुये कहा कि साध्वी जी ने जिस दिव्यता से भारतीय संस्कृति को स्वीकार किया है वह अद्भुत है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने सभी विशिष्ट अतिथियों को गोबर के गमले में लगे रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर अभिनन्दन किया।