

केरल के राज्यपाल माननीय आरिफ मोहम्मद खान साहब ने परमार्थ गंगा आरती में किया सहभाग
आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर पर्यावरण और नदियों को समर्पित संत श्री मुरलीधर जी के मुख से सम्पन्न हो रही मानस कथा में आज प्रातःकाल परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री, भारत सरकार साध्वी निरंजन ज्योति जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी ने सहभाग कर उद्बोधन दिया।
सेवा सप्ताह का चौथा दिवस योग और उत्तम स्वास्थ्य को समर्पित किया गया है। आज के दिन की शुरुआत विश्व शान्ति हवन और योग के साथ हुई।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि सेवा सप्ताह के चौथे दिन को योग और आयुर्वेद के लिये समर्पित किया गया है। यह केवल चिकित्सा पद्धति नहीं बल्कि जीवन पद्धति है। योग और आयुर्वेद स्वस्थ जीवन का आधार है और ‘जीवन का विज्ञान’ ‘दीर्घ आयु’ का विज्ञान है। योग और आयुर्वेद से न केवल उपचार होता है बल्कि यह जीवन जीने का ऐसा तरीका सिखाता है, जिससे जीवन स्वस्थ और खुशहाल होता है।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री कैलाश चौधरी जी ने परमार्थ निकेतन के विदा लेते हुए कहा कि परमार्थ निकेतन की मेरी दो दिवसीय यात्रा मेरे जीवन की सबसे सुखद और आनंददायक यात्रा रही है। यह स्थान वास्तव में दिव्यता से युक्त और स्वर्ग तुल्य है। परमार्थ निकेतन अद्भुत, अलौकिक और शांति प्रदायक धाम है।
साध्वी निरंजन ज्योति जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन आश्रम में सेवायें, गंगा की अविरल धारा की तरह प्रवाहित हो रही है। परमार्थ का तात्पर्य ही दूसरों की सेवा करना है और यहां पर तो सभी को आश्रय मिल रहा है तथा परोपकार के कार्य हो रहे हंै। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस की कथा अद्भुत है, भगवान श्रीराम के चरण, शरण और आचरण हम सभी के जीवन का पाथेय बने और हम सभी श्री राम जी के पदचिन्हों पर चलते रहे।
साध्वी जी ने कहा कि धरती हमारी मां है अतः उस मां को गंदा न करें। यहां पर जो आध्यात्मिकता, मस्ती और ऊर्जा हैं वह ऐसी ही बनी रहे यही प्रभु से प्रार्थना है। यहां मुझे पूज्य स्वामी जी के सान्निध्य में अत्यंत आनन्द की अनुभूति हुई। यहां की प्रत्येक गतिविधियों में आध्यात्मिकता और राष्ट्रीयता का अद्भुत संगम है। मैने देखा कि यहां पर यज्ञ के पश्चात राष्ट्रीय गीत और गंगा आरती के पश्चात राष्ट्रगान होता है, यह अद्भुत प्रयोग है। जिससे युवाओं में आध्यात्मिकता के साथ राष्ट्रीयता का भी संचार होगा।
श्री प्रविण कुमार आनन्द जी ने बताया कि आनन्द वन फाउंडेशन द्वारा ’अर्बन फारेस्ट मूवमेंट’ के माध्यम से पुणा शहर और आस-पास के 50 एकड़ क्षेत्र में वृक्षारोपण कर पूरे क्षेत्र को हरा-भरा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अर्बन फारेस्ट मूवमेंट का ध्येय है कि पुणा शहर का एरिया लगभग 300 एकड़ तक फैला है, जहां पर कांक्रीट के जंगल बढते जा रहे हंै इसलिये जहां पर भी खाली स्थान पड़े है वहां पर वृक्षारोपण कर उसे हरा-भरा बनाया जा रहा है।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री कैलाश चौधरी जी और केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री, भारत सरकार साध्वी निरंजन ज्योति जी ने कहा कि हम यहां आकर अभिभूत हो गये, जब भी समय मिलेगा पूज्य स्वामी जी के सान्निध्य में परमार्थ निकेतन की गतिविधियों में अवश्य सहभाग करेंगे।