अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक मुक्त दिवस प्लास्टिक पर्यावरण के लिये खतरा स्वामी चिदानन्द सरस्वती

75 वें आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर पर्यावरण, नदियों और जलस्रोतोें को समर्पित परमार्थ निकेतन के पावन गंगा तट पर आयोजित मासिक मानस कथा के मंच से परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक मुक्त दिवस के अवसर पर प्लास्टिक मुक्त धरा का आह्वान करते हुये सभी को एकल-उपयोग प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प कराया।
स्वामी जी ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर मानस कथा के दिव्य अमृत से प्रेरणा लेकर नए विचारों और नए संकल्पों का सजृन कर प्लास्टिक मुक्त भारत का निर्माण करना हम सभी का परम कर्तव्य है। ज्ञात हो कि हर साल 380 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है। जितने प्लास्टिक का उत्पादन होता है, उसका आधा सिंगल यूज होता है – यानी इसे सिर्फ एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है। सभी प्रकार के प्लास्टिक का केवल 9 प्रतिशत ही पुनर्नवीनीकरण किया जाता है, इसलिए इसमें से अधिकांश हमारे शहरों को गंदा करते हैं; लैंडफिल को भरते हैं, और हमारे महासागरों को प्रदूषित करते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक मुक्त दिवस हमें यह सोचने का अवसर देता है कि हम प्रतिदिन कितने प्लास्टिक का उपयोग करते हैं, और हम प्लास्टिक का उपयोग कैसे कम कर सकते हैं। प्लास्टिक का उपयोग न करके हम पृथ्वी पर सतत और स्थायी बदलाव ला सकते है।
मानस कथा के मंच से स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने 26 मई को परमार्थ निकेतन में परमार्थ निकेतन, नमामि गंगे, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में हो रही एक दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला के विषय में जानकारी देते हुये कहा कि इस कार्यशाला में पूज्य संत, उच्चाधिकारी, स्कालर्स, छात्र, युवा, मास्टर ट्रेनर, शहरी स्थानीय निकाय अधिकारी और अन्य अधिकारी भी सहभाग कर रहे हैं। यह प्रथम एक दिवसीय आध्यात्मिक कार्यशाला है जिसके अन्तर्गत माँ गंगा के तटों को स्वच्छ रखने, संरक्षण, जीर्णोद्धार हेतु सतत अभ्यास के लिये पूज्य संतों का आशीर्वाद, मार्गदर्शन, प्रेरणा, विचार, अनुभव और सहयोग प्राप्त होगा।
इस कार्यशाला का उद्घाटन परमार्थ निकेतन में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक और भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के महानिदेशक सहित अनेक गणमान्य विभूतियों और पूज्य संतों के मार्गदर्शन में होगा।
स्वामी जी ने कहा कि दशकों से प्लास्टिक पर्यावरण के लिये खतरा बन गया है। प्लास्टिक और पॉलीथीन के कारण पृथ्वी और जल के साथ-साथ वायु भी प्रदूषित होती जा रही है। हम अपने दैनिक जीवन से प्लास्टिक को हटाकर इस धरा को एक सुन्दर उपहार दे सकते हैं.