
सरकार की बद इंतजामी से फेल हो रही चार धाम यात्रा…नरेश शर्मा
समुचित व्यवस्थाएं में होने से हो रही यात्रियों की मौत
हरिद्वार. आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश शर्मा ने राज्य सरकार पर चार धाम यात्रा के प्रति गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यात्रा को सफल बनाने के लिए सरकार की ओर से कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं.तीर्थ यात्रियों को केवल भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है चार धाम परिसर की तो बात ही अलग है हरिद्वार से ही तीर्थयात्रियों की परेशानियों का सिलसिला शुरू हो रहा है. गाड़ियां उपलब्ध नहीं हैं ऐसे में बाहर से आने वाले गाड़ी चालक मनमाना पैसा वसूल रहे हैं. ऋषिकेश से लेकर बद्रीनाथ धाम और केदारनाथ धाम तक लोगों के ठहरने खाने-पीने चिकित्सा आदि की कोई व्यवस्था नहीं है. ऋषिकेश में लाखों लोग सड़क के किनारे खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं मौसम को देखते हुए भी चिकित्सा व्यवस्था नहीं की गई है जिस कारण अभी तक करीब 30 लोगों की मृत्यु हो चुकी है. उन्होंने कहा कि सरकार यात्रा को लेकर बिल्कुल भी गंभीर दिखाई नहीं दे रही है सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्री यात्रा की गंभीरता. छोड़कर केवल चंपावत उपचुनाव में जुटे हुए हैं सरकार को चार धाम यात्रा की सफलता को प्राथमिकता में लेना चाहिए और देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी किस तरह से यात्रा की उपेक्षा कर रहे हैं इसका अंदाजा हरिद्वार में हाईवे का दूधाधारी चौक वाला पुल देखकर लगाया जा सकता है यह पुल कुंभ से पहले बनना था लेकिन उसका काम रोक दिया गया था कुंभ के बाद से वह पुल का कार्य रुका पड़ा था लेकिन अधिकारियों ने अब जबकि यात्रा पूरे चरम की तरफ बढ़ रही है ऐसे व्यस्ततम समय में पुल का काम शुरू करा दिया है इससे दिन भर जाम लगा रहता है और इसका खामियाजा तीर्थ यात्रियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी भुगतना पड़ रहा है वहीं दूसरी और जब हरिद्वार में बाजारों में तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ है प्रशासन अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर अपनी अदूरदर्शिता का परिचय दे रहा है अधिकारियों को समझना चाहिए कि यह समय व्यापारियों के लिए चार पैसे कमाने और तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने का समय है ना कि उन्हें परेशान करने का. उन्होंने कहा कि अगर सरकार यात्रा के प्रति गंभीर दिखाई नहीं दी तो आम आदमी पार्टी आंदोलन छेड़ेगी.