
मुनि मंडल आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी आनन्द राघव मुनि ने लगाया आश्रम पर कब्जे के प्रयास का आरोप
सात संतों पर दर्ज कराया मुकदमा पुलिस से लगायी सुरक्षा की गुहार
हरिद्वार, 6 अक्तूबर। कनखल स्थित मुनि मण्डल आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी आनन्द राघव मुनि महाराज ने उदासीन अखाड़े से संबंधित कुछ संतों पर आश्रम में विवाद उत्पन्न करने व आश्रम पर कब्जा करने के प्रयास का आरोप लगाते हुए सात संतों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। आश्रम में पत्रकारों से वार्ता करते हुए महामंडलेश्वर आनन्द राघव मुनि महाराज ने बताया कि 12 जुलाई को अखाड़े की परम्परा के अनुसार उन्होंने अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करते हुए संतांे की उपस्थिति में चादर विधि की थी। इसके साथ ही महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद को आश्रम का संरक्षक तथा साध्वी मंदाकिनी मुनि को कोठारी नियुक्त कर उनकी भी चादर विधि की गयी। आरोप लगाया कि आश्रम पर कब्जे के प्रयास में लगे सूर्यांश मुनि, जयेन्द्र मुनि, महंत गंगादास, चन्द्रमा दास आदि बिना बुलाए कार्यक्रम मेें आए और अपने साथियों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कार्यक्रम को रूकवाने का प्रयास किया। इतना ही नहीं उक्त लोगों ने गोली मारने तक की धमकी दी। मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस को सभी आरोपी संतों को गिरफ्तार कर जेल भेजना चाहिए। साथ ही उनकी और आश्रम के संतों की सुरक्षा के प्रबंध करने चाहिए।
महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद महाराज ने बताया कि 12 जुलाई के घटनाक्रम के बाद 20 अगस्त को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में भगवान श्रीचन्द्र जयंती के आयोजन को लेकर बैठक में सूर्यांश मुनि, जयेन्द्र मुनि, गंगादास, श्याम दास, निरंजनदास, शीतलानंद आदि ने उनका अपमान किया। कूटरचना कर उनके सामाजिक वहिष्कार का भी प्रस्ताव पारित कर दिया। जबकि वर्ष 2013 में प्रयागराज में उदासीन भेख के संतों की मौजूदगी में उन्हें महामण्डलेश्वर बनाया गया था। जिन संतों ने फर्जी कूटरचित प्रस्ताव बनाकर उनका निष्कासन किया है, उन्हें ऐसा करने का अधिकार ही नहीं है। यह अधिकार केवल अखाड़े के पंच परमेश्वर व भेख के संतों का है। उन्होंने कहा कि आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर आनन्द राघव मुनि महाराज द्वारा 90 वर्ष की आयु होने और अस्वस्थ्य रहने के कारण अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करने के बाद से आश्रम पर कब्जे के प्रयास में लगे लोगों द्वारा लगातार उन्हें धमकियां दी जा रही हैं। सरकार से सीबीआई जांच की मांग करते हुए स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि संदिग्ध लोगों की आश्रम के आसपास गतिविधियां देखी जा रही हैं। जिससे उनकी और आश्रम के अन्य संतों की जान को खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि जब अखाड़े के श्रीमहंत रघुमुनि और कोठारी दामोदार दास को अखाड़े की नियमावली के खिलाफ कार्य करने पर निष्कासित किया जा सकता है, तो जिन संतों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। अखाड़े को उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने दबाव में हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। जूना अखाड़े के महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि महाराज ने कहा कि संतों के भेष में कुछ लोग आश्रमोें पर कब्जा करने में लगे हुए हैं। ऐसे लोगों के प्रयास को हिन्दू रक्षा सेना कभी कामयाब नहीं होने देगी। कहा कि जिन लोगों को कार्यक्रम में बुलाया तक नहीं गया। उन्होंने आकर उपद्रव किया। लगातार धमकियां मिलने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। पुलिस आरोपितों के दबाव में आकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आश्रम पर किसी भी कीमत पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। पत्रकार वार्ता के दौरान कोठारी मंदाकिनी मुनि, स्वामी विज्ञानानंद मुनि, धीरेन्द्र स्वरूप, विवेक स्वरूप, देव प्रकाश आदि मौजूद रहे।