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संत समाज ने दी ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता को श्रद्धांजलि

Bystaruknews

Sep 5, 2025

संत समाज ने दी ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता को श्रद्धांजलि


समाज, अध्यात्म और सनातन धर्म संस्कृति को समर्पित रहा ब्रह्मलीन माता रामभजन का जीवन- श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज


हरिद्वार, 5 सितम्बर। श्री गंगा भजन आश्रम भूपतवाला में महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानन्द महाराज के सानिध्य एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज की अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में सभी 13 अखाड़ों के संतों महंतों ने श्री गंगा भजन आश्रम की ब्रह्मलीन महंत 117वर्षीय साध्वी रामभजन माता को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता का समूचा जीवन समाज, अध्यात्म और सनातन धर्म संस्कृति को समर्पित रहा। उन्होंने जीवन पर्यन्त समाज को धर्म और आध्यात्म के मार्ग अग्रसर कर सनातन संस्कृति को मजबूत करने में योगदान दिया। महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानन्द महाराज अपनी गुरु ब्रह्मलीन रामभजन माता के बताए मार्ग पर चलकर सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान कर रहे हैं। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी ने कहा कि रामभजन माता का जीवन बेहद सरल और सहज था। विदेशी वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे है कि सौ वर्ष तक कैसे जिया जा सकता है। जबकि रामभजन माता ने भारतीय सनातन धर्म संस्कृति और आध्यात्म को अपनाकर 117वर्ष की आयु प्राप्त की ओर शोधकर्ताओं को बता दिया कि आध्यात्म में बड़ी शक्ति है। महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानन्द महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरु के बताए मार्ग का अनुसरण करते हुए समाज में धर्म और अध्यात्म का प्रचार तथा पूज्य गुरूदेव के अधूरे कार्यो को आगे बढ़ाना ही उनके जीवन का लक्ष्य है। सोनीपत सांसद सतपाल ब्रह्मचारी व महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने कहा कि ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता का त्याग, तपस्या और सेवा से परिपूर्ण जीवन सभी को प्रेरणा देता रहेगा। स्वामी हरिवल्लभ दास शास्त्री एवं महामंडलेश्वर स्वामी चिंदविलासानंद सरस्वती ने कहा कि समस्त संत समाज की प्रेरणास्रोत ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता ने 117 वर्ष की अवस्था में भी जिस प्रकार समाज को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान किया। वह सभी के लिए प्रेरणादायी है। श्रद्धांजलि सभा का संचालन आचार्य डा.हरिहरानंद शास्त्री ने किया। ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता के पौत्र शिष्य दीप्तानन्द महाराज ने सभी संतो, महंतो का स्वागत किया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर चिदविलासानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर रामेश्वरानंद, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि, महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरि, महामंडलेश्वर राममुनि, महामंडलेश्वर सूर्य देव, हरिवल्लभ दास शास्त्री, श्रीमहंत विष्णुदास, बाबा हठयोगी, महामंडलेश्वर गंगादास, आचार्य सुखदेव गिरि, महंत ओमप्रकाश शास्त्री, स्वामी कृष्णानंद, स्वामी सुतीक्ष्ण मुनि, महंत राम, महंत केशवानंद, शिवम महंत, महंत मुकेशानंद, महंत विवेकानंद, महंत सूरजदास, महंत शुभम् गिरि, स्वामी जयानंद, महंत रघुवीर दास, महंत आलोक गिरि, महंत दामोदर दास, महंत प्रेमदास, साध्वी तृप्ता सरस्वती, साध्वी सुखजीत सरस्वती, साध्वी अमृता भारती, साध्वी कमलदीप दीदी, आचार्य चन्द्रभूषण शुक्ला सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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