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आद्य शक्ति महाकाली आश्रम में धूमधाम से मनायी गयी श्रीकृष्ण जन्माष्टमीसंसार के पालनहार और जन-जन के आराध्य हैं योगेश्वर श्रीकृष्ण-स्वामी कैलाशानंद गिरी

Bystaruknews

Aug 17, 2025

आद्य शक्ति महाकाली आश्रम में धूमधाम से मनायी गयी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
संसार के पालनहार और जन-जन के आराध्य हैं योगेश्वर श्रीकृष्ण-स्वामी कैलाशानंद गिरी
आधा किलो का लड्डू खाने वाले दो भक्तों को दिया 11-11 हजार रूपए का पुरूस्कार


हरिद्वार, 17 अगस्त। जगजीतपुर स्थित आद्य शक्ति महाकाली आश्रम में निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के सानिध्य में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान आश्रम में भव्य झांकिया संजायी गयी। कलाकारों ने भजनों पर राधा कृष्ण नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन। किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए। श्याम तेरी बंशी को बजने से काम, तु तो मीरा का भी श्याम, राधा का भी श्याम आदि भजनों पर श्रद्धालु देर तक झूमते रहे। इस अवसर पर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने बाल कृष्ण बनी चार माह की पीहू वालिया से आशीर्वाद लिया। अर्द्धरात्रि में कृष्ण जन्म होने पर बाल कृष्ण की विशेष भव्य आरती व पूजन कर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने 56 प्रकार का भोग अर्पित किया। भक्तों ने ‘नन्द के आनन्द भयो, जय कन्हैया लाल की‘ का जयघोष करते हुए पुष्पवर्षा कर बाल कृष्ण को झूला झूलाया और एक दूसरे को बधाई दी। इसके उपरांत भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। सभी को श्रीकृष्ण जन्म की शुभकामनाएं देते हुए निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि संसार के पालनहार योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण जन-जन के आराध्य हैं। भगवान श्रीकृष्ण के प्रति पूर्ण समर्पण ही जीवन की संपूर्णता है। सोलह कलाओं से परिपूर्ण भगवान श्रीकृष्ण पूर्ण पुरूष थे। जब पृथ्वी और मानवता कंस और उसके राक्षसों के अत्याचारों से त्रस्त थी तो स्वयं भगवान नारायण ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया और कंस का वध कर समस्त मानवता को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलायी। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने संसार को समरसता का संदेश दिया। भगवद्गीता के रूप में दिए गए उनके उपदेश आज भी पूरी तरह प्रासंगिक हैं। सभी को अपने जीवन में भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों को आत्मसात करना चाहिए। इस दौरान स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने आधा किलो का बुंदी का लड्डू खाने वाले दो भक्तों को 11-11 हजार रूपए पुरूस्कार प्रदान किया। कार्यक्रम में स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, बाल मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, महंत लाल बाबा, आचार्य पवनदत्त मिश्र, चेतन शर्मा, रामसिंह, आत्मानन्द सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

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