स्वामी दीप्तानंद अवधूत आश्रम में किया रक्षा सूत्र कार्यक्रम का आयोजन
श्रद्धालु भक्तों ने गुरूजनों को बांधा रक्षा सूत्र और संत समाज ने दी ब्रह्मलीन
स्वामी सुभाषानंद को श्रद्धांजलि
त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन स्वामी सुभाषानंद
-स्वामी ललितानंद गिरी
हरिद्वार, 9 अगस्त। रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर भूपतवाला स्थित स्वामी दीप्तानंद अवधूत आश्रम में रक्षा सूत्र कार्यक्रम का आयोजन किया गया और ब्रह्मलीन स्वामी सुभाषानंद महाराज को श्रद्धांजलि दी गयी। इस दौरान कई राज्यों से बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने अपने गुरूजनों को रक्षा सूत्र बांधा और उनसे आशीर्वाद लिया। आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी कृष्णानंद महाराज के सानिध्य में आयोजित रक्षा सूत्र कार्यक्रम एवं श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए भारत माता मंदिर के महंत महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति ब्रह्मलीन स्वमी सुभाषानंद महाराज ने जीवन पर्यन्त सनातन संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में अपना योगदान किया। स्वामी कृष्णानंद महाराज आश्रम की सेवा परंपरा और आध्यात्मिक गतिविधियों को जिस प्रकार आगे बढ़ा रहे हैं। वह सभी के लिए प्रेरणादायी है। महंत देवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार और समाज को एक सूत्र में पिराने में संत समाज ने हमेशा मुख्य भूमिका निभायी है। उन्होंने कहा कि ब्रहमलीन स्वामी सुभाषानंद महाराज विद्वान संत थे। समाज को धर्म संस्कृति के मार्ग पर अग्रसर करने में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। फूलमाला पहनाकर सभी संत महापुरूषों का स्वागत करते हुए स्वामी अमृतानंद एवं स्वामी जतिन्द्रानद ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी सुभाषानंद महाराज तपस्वी संत थे। उन्होंने गुरू परंपरांओं को आगे बढ़ाते हुए समाज में आध्यात्मिक जनजागरण करने में अहम योगदान दिया। स्वामी चिदविलासानंद, स्वामी प्रकाशानंद एवं महंत शिवशंकर गिरी ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी सुभाषानंद महाराज सरल व सहृदय संत थे। सभी को उनके जीवन से प्रेरण लेनी चाहिए।
इस अवसर पर स्वामी विनोद महाराज, स्वामी प्रकाशानंद, स्वामी चिदविलासानंद, महंत शिवशंकर गिरी, स्वामी कृष्ण स्वरूप, स्वामी रूपेश दास, महंत रामानंद, महंत रघुवीर दास, महंत सूरज दास, स्वामी नरेशानंद, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, स्वामी आनन्द स्वरूप दास, महंत गणेश दास सहित सभी तेरह अखाड़ों के संत महंत व श्रद्धालु मौजूद रहे।
स्वामी दीप्तानंद अवधूत आश्रम में किया रक्षा सूत्र कार्यक्रम का आयोजन
