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निराकार और साकार दोनों हैं भगवान शिव-स्वामी कैलाशानंद गिरी

Bystaruknews

Aug 2, 2025

निराकार और साकार दोनों हैं भगवान शिव-स्वामी कैलाशानंद गिरी
हरिद्वार, 2 अगस्त। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की पूरे सावन चलने वाली शिव आराधना निरंतर जारी है। श्री दक्षिण काली मंदिर में आयोजित शिव आराधना के दौरान स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव असीम गुणों के भंडार हैं। संसार के कल्याण के लिए विष को भी ग्रहण करने वाले देवों के देव महादेव इतने सरल हैं कि एक लोटा जल और विल्व पत्र अर्पित करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि भगवान शिव की महिमा अनंत है। भगवान शिव ही ब्रह्मस्वरूप होने के कारण निराकार और साकार दोनों हैं। उन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्त को स्वयं को उनके अनुरूप ढालना होता है। शिव को भक्तों से कुछ नहीं चाहिए, क्योंकि वे स्वयं ही सबकुछ प्रदान करने वाले हैं। शिव सृष्टि के कल्याण के देवता हैं। सृष्टि के कल्याण के लिए ही उन्होंने समुद्र मंथन से निकले विष को अपने कंठ में धारण किया। उन्हीं की कृपा से देवताओं को अमृत की प्राप्ति हुई। भगवान शिव का सभी का कल्याण करने का भाव ही शिव तत्व है। स्वामी कैलाशानंद गिरी के शिष्य स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि श्री दक्षिण काली मंदिर में सिद्ध स्थल है। जहां मां काली और भगवान शिव साक्षात रूप से विराजमान हैं। पूज्य गुरूदेव द्वारा मंदिर में की जा रही शिव आराधना के फलस्वरूप समस्त लोक का कल्याण होगा।

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