

सावन के तीसरे सोमवार को भगवान शिव का अभिषेक के बाद भगवान शिव का 108 कमल के फूल से सिंगार किया गया साध्वी. अनन्या सरस्वती



सावन चलने वाली शिव आराधना निरंतर जारी है। सावन के तीसरे सोमवार को परमार्थ आश्रम में स्थित शिव मंदिर में आयोजित साध्वी. अनन्या सरस्वतीपूजा-अर्चना में हमारे यहां पुष्प के उपयोग का बहुत महत्त्व है।बिना पुष्प अर्पित किए पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है।वैसे तो लगभग सभी प्रकार के पुष्प भगवान को चढ़ाएं जाते हैं किन्तु उन पुष्पों में कमल के पुष्प का विशेष स्थान है।यह पुष्प सभी देवी-देवताओं को अतिप्रिय है।कमल की महिमा इसी बात से सिद्ध होती है कि भगवान के नेत्रों की तुलना कमल के पुष्प से की जाती है।जैसे- कमल नयन,राजीव नयन—–आदि।
कमल के अष्टदल मनुष्य के अलग-अलग आठ गुणों के प्रतीक हैं।ये गुण हैं- सरलता,मंगल,दया,शांति,पवित्रता,निस्पृहता, उदारता तथा ईष् र्या का अभाव। इसका आशय यही है कि मनुष्य जब इन गुणों को अपना लेता है तब वह भी भगवान को कमल के पुष्प के समान प्रिय हो जाता है