भगवान शिव सावन मास में पूजा करने का विशेष महत्व हैशिव का अभिषेक से मनोकामना पूर्ण होती हैसाध्वी. अनन्या सरस्वती




पूरे सावन चलने वाली शिव आराधना निरंतर जारी है।
गुरुवार को परमार्थ आश्रम में स्थित शिव मंदिर में आयोजित साध्वी. अनन्या सरस्वतीशिव मंदिर में विभिन्न प्रकार के पुष्पों से शिवलिंग का श्रंग्रार कर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, भांग, धतूरा, विल्व पत्र आदि से भगवान शिव का जलाभिषेक किया।हैसाध्वी. अनन्या सरस्वती का कहा कि त्रिदेवों में भगवान शिव का स्थान सर्वोच्च है। मां पार्वती भगवान शिव की शक्ति हैं। सभी देवी देवता भगवान शिव की आराधना करते हैं। उन्होंने कहा कि पुर्ण विधि विधान से भगवान शिव का जलाभिषेक करें। इस दौरान माता पार्वती का भी ध्यान अवश्य करें। ऐसा करने से महादेव शिव और माता पार्वती दोनों प्रसन्न होते हैं। शिव और शक्ति की सम्मिलित कृपा साधक को प्राप्त होती है। जिससे परिवार में सुख समद्धि का वास होता है। कष्टों से छुटकारा मिलता है। सभी कार्यो में सफलता मिलती है।