• Fri. Jul 25th, 2025

Star uk news

अपना उत्तराखंड

काँवड़ मेला‘‘ बन रहा आजीविका संवर्द्धन का माध्यम,मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे की पहल लायी रंग,हरिद्वार।

Bystaruknews

Jul 22, 2025

‘‘काँवड़ मेला‘‘ बन रहा आजीविका संवर्द्धन का माध्यम,
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे की पहल लायी रंग,
हरिद्वार।


जनपद हरिद्वार में वर्तमान में ‘काँवड़ मेला‘ चल रहा है जिसमें बडी संख्या में श्रद्वालु हरिद्वार आ रहे हैं। यह एक सुनहरा अवसर है जब स्वयं सहायता समूहों से जुडे़ सदस्य अपनी आजीविका वृद्वि के उदद्ेश्य से विभिन्न प्रकार की सेवायें उपलब्ध करा सकते हैं।

इसी को ध्यान में रखते हुए जनपद हरिद्वार की मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती आकांक्षा कोण्डे द्वारा सभी विकासखण्डों को निर्देशित किया गया हैं कि काँवड़़ मेला क्षेत्र में और आस-पास स्वयं सहायता समूहों की स्टॉल लगवाई जायें जिससे महिलाएं खाद्य सामग्री, हस्तशिल्प वस्तुओं आदि की ब्रिकी कर अपनी आय बढ़ा सकें।
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे द्वारा स्वयं सहायता समूह सदस्यों एवं सहकारिता सदस्यों द्वारा तैयार उत्पादों को स्टॉल लगाकर ब्रिकी करने हेतु विभिन्न विभागों से समन्वय और अनुमति प्राप्त करने हेतु सहायक परियोजना निदेशक-जिला मिशन प्रबन्धक, हरिद्वार नलिनीत घिल्डियाल को नोडल अधिकारी बनाया गया हैं और प्रतिदिन बिक्री का रिकॉर्ड व्यवस्थित करवाने हेतु कहा गया है।
जनपद में वर्तमान में ‘काँवड़ मेला‘ क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर 18 सी0एल0एफ0 के स्वयं सहायता समूहों-सहकारिता सदस्यों द्वारा 60 से भी अधिक स्थानों पर पानी, चाय, नाश्ता, जूस, भोजन, फल, बेकरी उत्पाद काँवड़ आदि से संम्बधिंत स्टॉल लगाये गये हैं। इनमें प्रतिदिन होने वाली बिक्री का रिकॉर्ड रखा जा रहा है 21 जुलाई तक इन स्टॉलों में 1 लाख से लगभग 4 लाख के बीच तक दैनिक बिक्री रिकॉर्ड की गई है। काँवड़ मेला अवधि में अब तक इन स्टॉलों के माध्यम से कुल लगभग 28 लाख की बिक्री कर ली गई है।
वर्तमान में चार धाम यात्रा भी चल रही है। अतः इसे देखते हुए स्वयं सहायता समूहों-सहकारिता सदस्यों द्वारा लगाई गई स्टॉलों को अभी आगे भी जारी रखे जाने पर विचार है। जिससे चार धाम यात्रा सीजन में उनको अधिक से अधिक आय सृजन करने का अवसर प्राप्त हो सके।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘‘लखपति दीदी‘‘ योजना का मुख्य उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आजीविका संवर्द्धन के अवसर उपलब्ध कराते हुए उनकी आय को कम से कम 1 लाख रूपये करना है। इस हेतु यह आवश्यक है कि उन्हें आय सृजन के अवसर सुलभ कराये जाये, काँवड़ मेला के दौरान स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अपने उत्पादों की बिक्री कर आय सृजन का जो सुनहरा अवसर प्राप्त हो रहा है उससे वह बहुत उत्साहित हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sory