युग पुरूष परमानंद के महंतों को कुत्ता बताने पर संत समाज में रोष
बयान की पुनर्रावृत्ति होने पर कार्रवाई करेगा अखाड़ा परिषद-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
। युग पुरूष स्वामी परमानंद महाराज द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान महंतों की तुलना कुत्ते से करने पर संत समाज ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रोष जताया है। युग पुरूष स्वामी परमानंद के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि ऐसा बयान किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। एक वरिष्ठ संत को सार्वजनिक रूप से इस प्रकार का बयान देना शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के बयान की यदि पुनरावृत्ति होती है तो अखाड़ा परिषद और निरंजनी अखाड़ा कड़ी कार्यवाही करने से पीछे नहीं हटेगा। श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि इस बयान को लेकर पूरे देश के संतों में रोष है। कई संतों ने उनके सामने भी अपना रोष प्रकट किया है। इस बयान का लेकर गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश के संतों में सबसे अधिक रोष है। उन्होंने कहा कि फिलहाल उन्होंने अपनी ओर से भविष्य में इस प्रकार का बयान देने पर कार्यवाही का आश्वासन देकर संतों को शांत कर दिया है। लेकिन एक वरिष्ठ संत के लिए अर्मादित भाषा का प्रयोग शोभनीय नहीं है।
अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद व निर्माेही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेन्द्र दास महाराज ने कहा कि महंतों की तुलना कुत्ते से करने वाले संत भी आश्रम और मंदिर में ही निवास करते हैं। ऐसे में यह बात उन पर भी लागू होती है। उन्होंने कहा कि इस अवस्था में आकर बुद्धि सठिया जाती है, शायद ऐसा ही कुछ उनके साथ भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि संतों को अपनी वाणी में संयम और मर्यादा बनाए रखना चाहिए। संतों के लिए इस प्रकार की बयानबाजी उचित नहीं कहीं जा सकती।
गौरतलब है कि 1 जून को कनखल स्थित वात्सल्य गंगा आश्रम के उद्घाटन के दौरान युग पुरुष स्वामी परमानंद ने अपने सम्बोधन के दौरान एक उद्धरण देते हुए महंतों की तुलना कुत्ते से कर दी थी। जिसके बाद संतों में खासा रोष है। जिस समय उन्होंने यह बात कही उस समय मंच पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी मौजूद थी।
युग पुरूष परमानंद के महंतों को कुत्ता बताने पर संत समाज में रोषबयान की पुनर्रावृत्ति होने पर कार्रवाई करेगा अखाड़ा परिषद-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
