त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे साकेतवासी श्रीमहंत नृसिंहदास-श्रीमहंत विष्णुदास
हरिद्वार, 6 मई। श्रवण नाथ नगर स्थित श्री गुरू सेवक निवास उछाली आश्रम में साकेतवासी श्रीमहंत नृसिंहदास महाराज के बीसवें स्मृति महोत्सव के अवसर पर आश्रम के परमाध्यक्ष श्रीमहंत विष्ण दास महाराज के संयोजन में आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ की समाप्ति पर संत समागम का आयोजन किया गया। संत समागम में शामिल हुए सभी तेरह अखाड़ों के संत महंतों ने साकेतवासी श्रीमहंत नृसिंहदास महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित किए। अयोध्या के महंत कमल नैन महाराज की अध्यक्षता में आयोजित संत समागम के दौरान महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि साकेतवासी श्रीमहंत नृसिंहदास महाराज संत समाज की दिव्य विभूति थे। श्रीमहंत विष्णुदास महाराज भाग्यशाली हैं कि उन्हें गुरू के रूप में श्रीमहंत नृसिंहदास महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। श्रीमहंत विष्णुदास महाराज ने सभी संत महंतों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति पूज्य गुरूदेव साकेतवासी श्रीमहंत नृसिंहदास महाराज से प्राप्त शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए आश्रम की सेवा परंपरा को आगे बढ़ाना ही उनका लक्ष्य है। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी एवं महामंडलेश्वर स्वामी भगवतस्वरूप ने कहा कि गुरू के प्रति श्रीमहंत विष्णुदास महाराज की श्रद्धा और निष्ठा अद्भूत और प्रेरणादायी है। बाबा हठयोगी ने कहा कि गुरू के प्रति सच्ची निष्ठा, श्रद्धा और विश्वास ही शिष्य की प्रगति का मार्ग है। स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत जसविंदर सिंह, महंत दुर्गादास, महंत प्रेमदास, महंत राघवेंद्र दास, महंत प्रमोद दास, महंत प्रह्लाद दास, महंत जयराम दास, स्वामी चिदविलासानंद, भैय्या जी महाराज, महंत सूरज दास, स्वामी शिवानंद, स्वामी दिनेश दास, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, स्वामी ज्योर्तिमयानंद ने भी साकेतवासी श्रीमहंत नृसिंहदास महाराज को श्रद्धांजलि दी। कथा के यजमान नीलम, अनिल मलिक, गीतिका, अंकुर मलिक, अंकिता, सिद्धार्थ चतुर्वेदी, अबीर, आर्यन, अयान, अर्थव और आधिव ने सभी संत महंतों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया और आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संत महंत व श्रद्धालु उपस्थित रहे।
त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे साकेतवासी श्रीमहंत नृसिंहदास-श्रीमहंत विष्णुदास
