धर्म व सेवा की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन स्वामी हरिद्वारी दास-महंत विंध्यवासिनी
पुण्यतिथी पर संत समाज ने दी ब्रह्मलीन स्वामी हरिदास को श्रद्धांजलि
हरिद्वार, 25 नवम्बर। ब्रह्मलीन स्वामी हरिद्वारी दास महाराज की पुण्य तिथी पर गंगा भोगपुर तल्ला गौरी घाट स्थित विंध्यवासिनी मंदिर में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों ने उनका भावपूर्ण स्मरण करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए। श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए महंत विंध्यवासिनी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन हरिद्वारी दास महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत तथा धर्म व सेवा की प्रतिमूर्ति थे। धर्म शास्त्रों का उनका ज्ञान विलक्षण था। वे भाग्यशाली हैं कि उन्हें स्वामी हरिद्वारी दास महाराज जैसे दिव्य महापुरूष का सानिध्य प्राप्त हुआ। महंत रूपेंद्र प्रकाश महाराज व कोठारी महंत राघवेंद्र दास महाराज ने कहा कि समाज को सांस्कृतिक रूप से एकजुट कर देश की एकता अखण्डता कायम रखने में संत समाज का हमेशा ही अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि सभी को ब्रह्मलीन स्वामी हरिद्वारी दास महाराज के जीवन से प्रेरणा लेते हुए धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में योगदान करना चाहिए। महंत गोविंददास एवं महंत दुर्गादास ने कहा कि निर्मल जल के समान जीवन व्यतीत करने वाले ब्रह्मलीन महंत स्वामी हरिद्वारी दास महाराज ब्रहुत ही सरल और मधुरभाषी संत थे। उनका जीवन दर्शन सदैव सभी को प्रेरणा देता रहेगा। इस अवसर पर महंत रूपेंद्र प्रकाश, महंत राघवेंद्र दास, महंत हनुमान बाबा, महंत कैलाश मुनि, महंत गोविंद दास, महंत जोगेंद्र दास, महंत दुर्गादास, महंत प्रह्लाद दास, बाबा हठयोगी, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण, संजीव चौधरी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।