• Tue. Sep 16th, 2025

Star uk news

अपना उत्तराखंड

कल्पवृक्ष के समान है श्रीमद्भागवत कथा-स्वामी रविदेव शास्त्री

Bystaruknews

Jul 31, 2024

कल्पवृक्ष के समान है श्रीमद्भागवत कथा-स्वामी रविदेव शास्त्री
हरिद्वार, 31 जुलाई। कथाव्यास भागवताचार्य स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा कल्प वृक्ष के समान है। जिससे सभी इच्छाओं को पूरा किया जा सकताहै। कथा के प्रभाव से मन में सात्विक विचारों का उदय होता है। श्री साधु गरीबदासी धर्मशाला सेवाश्रम ट्रस्ट में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर डा.स्वामी श्यामसुंदरदास शास्त्री महाराज की पांचवी पुण्य अतिथी के अवसर पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन श्रद्धालुओं को कथा श्रवण कराते हुए कथाव्यास स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि अन्य युगों में कल्याण और मोक्ष प्राप्ति के लिए जहां तमाम यत्न करने पड़ते थे। वहीं कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही कल्याण और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। उन्होनें कहा कि कल्याणकारी श्रीमद्भागवत कथा के प्रभाव से अधोगति में पड़े पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथा के प्रभाव से प्रेत योनि में विचरण रहे धुंधकारी को मोक्ष की प्राप्ति हुई। श्रीमद्भागवत कथा जीवन जीने की कला सिखाती है। कथा से मिले ज्ञान के अनुसार आचरण करने से मन में ज्ञान और वैराग्य उत्पन्न होता है। जिससे जीवन अत्यन्त सरल बन जाता है। कथा के मुख्य अहमदाबाद गुजरात निवासी यजमान श्रीमती मीरा देवी व कार्तिभाई दवे ने व्यासपीठ का पूजन कर कथाव्यास से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेश दास, स्वामी निर्मलदास, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, स्वामी दिनेश दास, जदगीश चावला, मौजीराम, भीमचंद, संजय वर्मा, डा.पदम प्रसाद सुवेदी, लोकनाथ सुवेदी, शेखर शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने मुख्यमंत्री को दी जन्म दिवस की शुभकामनाएं
दुबई प्रवास पर पूज्य गुरुदेव का दिव्य प्रवचन कार्यक्रम भक्तों के लिए एक अलौकिक और अविस्मरणीय अवसर सिद्ध हुआ। हज़ारों श्रद्धालु भक्तगण बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ गुरुजी के पावन सान्निध्य में एकत्रित हुए और उनकी वाणी एवं आशीर्वचन का लाभ प्राप्त किया।
पुण्य तिथी पर संत समाज ने दी ब्रह्मलीन श्रीमहंत रघुवीर सिंह व श्रीमहंत गुरूबचन सिंह को श्रद्धांजलिविद्वान संत थे ब्रह्मलीन श्रीमहंत रघुवीर सिंह व श्रीमहंत गुरूबचन सिंह- श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed

Sory