
दिव्य संत थे ब्रह्मलीन डा.रामविलास वेदांती-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
हरिद्वार, 16 दिसम्बर। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन के नेता डा.रामविलास वेदांती के ब्रह्मलीन होने पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। निरंजनी अखाड़े मे श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि डा.रामविलास वेदांती दिव्य संत थे। श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाते हुए डा.रामविलास वेदांती ने संसद मे भी इस मुद्दे को प्रमुखता से रखा और पूरे देश का भ्रमण कर संतों और हिंदू समाज को एकजुट कर आंदोलन को विराट रूप देने में प्रमुख भूमिका निभायी। उनके प्रयासों का परिणाम सुखद रहा और लगातार संघर्ष के फलस्वरूप अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हुआ। श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि डा.रामविलास वेदांती का अचानक चले जाना संत समाज के लिए भारी क्षति है। उनके बताए मार्ग पर चलना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। भारत माता मंदिर के महंत महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, महंत दर्शन भारती, मुखिया महंत दुर्गादास, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, महंत साधनानंद, महंत सत्य गिरी, महंत दिनेश गिरी, महंत राज गिरी, स्वामी अनंतानंद गिरी, स्वामी हरिवल्लभदास शास्त्री, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद, महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, स्वामी पारस मुनि, स्वामी शिवानंद भारती, स्वामी ऋषि रामकृष्ण सहित तमाम संतों ने ब्रह्मलीन डा.रामविलास वेदांती को श्रद्धांजलि दी और उन्हें अजर अमर बताया।
