गुरू ही शिष्य को आत्मज्ञान प्रदान कर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं-स्वामी निर्मलदास
हरिद्वार, 21 जुलाई। गौ गंगा सेवा धाम ट्रस्ट केे अध्यक्ष स्वामी निर्मलदास महाराज ने कहा कि गुरू ही शिष्य को आत्मज्ञान प्रदान कर जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करते हैं। जो शिष्य गुरू के प्रति आदर और निष्ठा का भाव रखते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलते हैं। गुरू कृपा से उनका जीवन सुखद और मंगलमय हो जाता है। गुरू पूर्णिमा पर श्रद्धालु भक्तों को गुरू महिमा से अवगत कराते हुए स्वामी निर्मलदास महाराज ने कहा कि गुरु व्यक्ति ही नही अपितु परम् तत्त्व, विद्या, महनीय परम्परा और मोक्षप्रदाता सत्ता है। अविद्या अज्ञान के कारण जीवन में आने वाली अनेक विषमताओं, प्रतिकूलताओं और भ्रम-भय के समय दिव्य ज्ञान, अनन्त ऊर्जा और अपरिमित सामर्थ्य बनकर जो हमें अपने शाश्वत अविनाशी स्वरूप बोध के लिये प्रेरित करती है, वह कल्याणकारी गुरुसत्ता है। जिनके आशीष अनुग्रह से मानवीय चेतना में समाहित शुभता-पवित्रता, दिव्यता-उत्कृष्टता व परमानन्द का जागरण होता है। जिनकी असीम और अकारण कृपा से दुर्बाेध सुबोध, अलभ्य सुलभ व असम्भव सम्भव हो जाता है। जो जीव को ब्रह्म अर्थात् नर को नारायण बनाने की योग युक्ति प्रदान करते हैं। ऐसे करुणानिधान परमेश्वर गुरुवर को सदैव नमन करना चाहिए। गुरू का आदर करने से ईश्वरीय कृपा की प्राप्ति होती है।