गुरू पूर्णिमा पर स्वामी प्रबोधानंद गिरी ने दी शिष्यों को दीक्षा
आत्मकल्याण के लिए गुरू का होना आवश्यक-स्वामी प्रबोधानंद गिरी
हरिद्वार, 21 जुलाई। गुरू पूर्णिमा के अवसर पर श्यामपुर कांगड़ी गाजीवाली स्थित श्री बालाजी धाम में हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज ने स्वामी गंगानंद गिरी और स्वामी राजेश्वरानंद गिरी को दीक्षा प्रदान की। इस अवसर पर स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज ने कहा कि भारत में गुरू शिष्य परंपरा अनादि काल से चली आ रही है। आत्मकल्याण के लिए गुरू आवश्यक है। गुरू के सानिध्य में ही शिष्य का कल्याण होता है। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति देश दुनिया में अपनायी जा रही है। गुरू शिष्य परंपरां भारत की प्रसिद्धि को दिखाने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि हिंदू रक्षा सेना हिंदुओं के संरक्षण संवर्द्धन और हितों के लिए काम कर रही है। हिंदू संगठित होगा तो अपने हितों की रक्षा की जा सकती है। उन्होंने श्रावण मास की श्रद्धालु भक्तों को बधाई दी और कहा कि शिव भक्त देश के कोने-काने से धर्मनगरी में पहुंचते हैं। उनकी सेवा करना सबसे बड़ा पुण्य है। दीक्षा प्राप्त करने वाले स्वामी गंगानंद गिरी एवं स्वामी राजेश्वरानंद गिरी को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि गौ, गंगा और मानव सेवा में अपना योगदान दें। स्वामी गंगानंद गिरी व स्वामी राजेश्वरानंद गिरी ने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें गुरू के रूप में स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज का आशीर्वाद और सानिध्य प्राप्त हुआ है। गुरू के सानिध्य में मानव मानव कल्याण और सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। इस अवसर पर साध्वी स्वामी श्रद्धानाथ, महंत वीरेंद्र गिरी, स्वामी प्रज्ञानंद, स्वामी प्रणवानंद सहित कई संत व बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।