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पशुधन विकास, सुरक्षा-संरक्षा को डीयूवीएएसयू मथुरा व डीईआई आगरा मिलकर करेंगे शोध

Bystaruknews

May 15, 2024

पशुधन विकास, सुरक्षा-संरक्षा को डीयूवीएएसयू मथुरा व डीईआई आगरा मिलकर करेंगे शोध

-देश के विख्यात दोनों संस्थानों के मध्य पशुपालन, पशुधन विकास, सुरक्षा और संरक्षा के निमित्त समझौता ज्ञापन पत्र (एम‌ओयू) पर किए गए हस्ताक्षर

ज्योति एस, आगरा। प्राणी मात्र की सेवा को समर्पित पावन धार्मिक संस्था राधास्वामी सत्संग सभा दयालबाग आगरा संचालित दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट (सम विश्वविद्यालय) और मथुरा के पं. दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान (डीयूवीएएसयू) के मध्य मंगलवार को पशुधन विकास, सुरक्षा और संरक्षा के लिए समझौता ज्ञापन (एम‌ओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। डीयूवीएएसयू के कुलपति प्रो. एके श्रीवास्तव की उपस्थिति में डीईआई की ओर से कुलसचिव प्रोफेसर आनंद मोहन और डीयूवीएएसयू की ओर से कुलसचिव प्रोफेसर मदान ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर राधास्वामी सतसंग सभा संचालित सरन आश्रम अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एस के सतसंगी, राधास्वामी सत्संग सभा दयालबाग आगरा की अदनबाग शाखा के सचिव प्रेमी भाई सुरेश तथा डीयूवीएएसयू की ओर से डीन विवि, विवि बायोटेक्नोलॉजी विभाग प्रमुख, विवि पशुपालन विभाग व पशुपालन पोषण विभाग के प्रमुख भी उपस्थित थे।
दोनों संस्थाओं के मध्य इस समझौता ज्ञापन पत्र (एम‌ओयू) में पशुपालन, पशु स्वास्थ्य, पशु आहार, डेयरी टेक्नोलॉजी आदि विषयों पर एक-दूसरे से जानकारी और शोध कार्यों का आदान-प्रदान करना, इसके लिए एक-दूसरे संस्थानों को सहयोग करना, पशुपालन और पशुधन विकास, सुरक्षा, संरक्षा को अपने संसाधनों का उपयोग-प्रयोग करने देना तथा संस्थानों में अध्यनरत छात्रों के बौद्धिक विकास के लिए एक-दूसरे संस्थानों में शैक्षिक भ्रमण की व्यवस्था को कायम करने पर सहमति बनी है। इस बात पर भी दोनों संस्थाओं के जिम्मेदारों ने आपसी सहमति दी है कि वह अपनी अपनी बौद्धिक क्षमताओं का भी सहयोग एक दूसरे से करेंगे। साथ ही दोनों संस्थानों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं के शिक्षण-प्रशिक्षण में आपसी सामंजस्य व सहयोग स्थापित किया जाएगा।
देश के दो बड़े शिक्षण संस्थानों के मध्य हुए सहयोगात्मक इस समझौते से भविष्य में पशुपालन, पशुधन विकास, सुरक्षा, संरक्षा की दिशा में बेहतर कार्य होने की संभावना विकसित हुई है। आने वाले दिनों में इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा जो प्राणी मात्र की सेवा भावना को विकसित करेगा।

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