संत समाज ने दी साकेतवासी महंत रामरतन दास महाराज फौजी बाबा को श्रद्धांजलि
त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे साकेतवासी महंत रामरतन दास महाराज -श्रीमहंत रविंद्रपुरी
सेवा संस्कृति के मार्ग पर चलते हुए गुरू के अधूरे कार्यो को पूरा करना ही उद्देश्य
-महंत दुर्गादास
हरिद्वार, 10 दिसम्बर। साकेतवासी महंत रामरतन दास महाराज फौजी बाबा की पुण्य तिथी पर संत समाज ने उनका भावपूर्ण स्मरण करते श्रद्धासुमन अर्पित किए और सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण का संकल्प लिया। भूपतवाला स्थित माता वैष्णा देवी शक्ति भवन में महंत दुर्गादास महाराज के संयोजन और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज की अध्यक्षता और स्वामी रविदेव शास्त्री के संचालन में आयोजित पुण्य तिथी समारोह में शामिल हुए सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों ने सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में साकेतवासी महंत रामरतन दास महाराज के योगदान की सराहना करते हुए उन्हें दिव्य संत बताया। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति साकेतवासी महंत रामरतन दास महाराज का पूरा जीवन सनातन धर्म संस्कृति और मानव सेवा को समर्पित रहा। उन्होंने कहा कि महंत दुर्गादास महाराज अपने गुरू साकेतवासी महंत रामरतन दास महाराज के आदर्शो को आत्मसात करते हुए उनके द्वारा स्थापित सेवा प्रकल्पों को जिस प्रकार आगे बढ़ा रहे हैं। वह सभी के लिए प्रेरणादायी है। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि संत समाज के पे्ररणास्रोत साकेतवासी महंत रामरतन दास महाराज का सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। ऐसे दिव्य महापुरूष की पुण्य तिथी पर उनकी शिक्षाओं को आत्मसात कर धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य महाराज ने कहा कि साकेतवासी महंत रामरतन दास महाराज दिव्य आत्मा थे। माता वैष्णो देवी शक्ति भवन के परमाध्यक्ष महंत दुर्गादास महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्य गुरूदेव साकेतवासी महंत रामरतन दास महाराज ने सेवा संस्कृति का जो मार्ग दिखाया है। उसका अनुसरण करते हुए संत समाज के सहयोग और आशीर्वाद से गुरूदेव के अधूरे कार्यो को पूरा करना और आश्रम के सेवा प्रकल्पों को आगे बढ़ाना ही उनका उद्देश्य है। श्री रामानंदीय वैष्णों मंडल के अध्यक्ष महंत नारायण दास पटवारी महाराज ने कहा कि महंत दुर्गादास महाराज की अपने गुरू साकेतवासी महंत रामरतन दास महाराज के प्रति श्रद्धा और निष्ठा सभी के लिए अनुकरणीय है। युवा संतों को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। बाबा हठयोगी, महंत विष्णुदास, महंत ऋषिश्वरानंद, महंत ईश्वर दास ने कहा कि साकेतवासी महंत रामरतन दास महाराज का त्यागमय जीवन और उनकी शिक्षाएं सदैव समाज का मार्गदर्शन करती रहेंगी। महंत दुर्गादास, महंत ऋषिश्वरानंद, बाबा हठयोगी एवं महंत प्रह्लाद दास ने सभी संत महापुरूषों का फूलामाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर महंत राजेंद्रदास, महंत रामकृष्ण दास, महंत राघवेंद्र दास, महंत सूरज दास, महंत विष्णु दास, बाबा हठयोगी, स्वामी हरिहरानंद, महंत दिनेश दास, महंत प्रेमदास, महंत प्रह्लाद दास, महंत नारायण दास पटवारी, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, स्वामी भगवत स्वरूप, महंत गोविंदास, महंत निर्भय सिंह, स्वामी शिवानंद, महंत विमलदास, महंत शिवम महाराज, महंत विनोद महाराज, स्वामी शिवानंद भारती, महंत जयराम दास, महंत हरिहर दास, महंत वैष्णों दास, पूर्व पाषद अनिरूद्ध भाटी, भक्त दुर्गादास सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष और श्रद्धालु मौजूद रहे।