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श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने पशुपतिनाथ मंदिर के लिए जल कलश यात्रा को रवाना कियागंगा भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म की पहचान है-श्रीमहंत रविंद्रपुरी

Bystaruknews

Nov 18, 2023

श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने पशुपतिनाथ मंदिर के लिए जल कलश यात्रा को रवाना किया
गंगा भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म की पहचान है-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
सांस्कृतिक रूप से एक दूसरे के करीब हैं भारत और नेपाल-रावल शिवप्रकाश महाराज
हरिद्वार, 18 नवम्बर। श्री गंगोत्री धाम से नेपाल के पशुपति नाथ धाम के लिए रवाना हुई गंगा कलश यात्रा का हरिद्वार पहुंचने पर अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने निरंजनी अखाड़ा स्थित चरण पादुका मंदिर में पूजा अर्चना कर स्वागत किया। पूजा अर्चना के उपरांत श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने गंगा कलश यात्रा को पशुपति नाथ धाम के लिए रवाना किया। शुक्रवार को गंगोत्री धाम के रावल शिवप्रकाश महाराज गंगा कलश यात्रा लेकर हरिद्वार पहुंचे थे। शनिवार को चरण पादुका मंदिर में कलश पूजन कर यात्रा को नेपाल रवाना किया गया। इस दौरान अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि गंगा भारतीय संस्कृति व धर्म की पहचान है। गंगोत्री से पशुपतिनाथ मंदिर गंगा जल कलश ले जाए जाने की परंपरा आदि अनादि काल से चली आ रही। लेकिन बीच में इसे किन्हीं कारणों से रोक दिया गया था। रावल शिवप्रकाश महाराज के इस परंपरा को पुनः शुरू करने के बाद यह 23वीं यात्रा है। यात्रा मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ, गोरखपुर स्थित गोरक्षनाथ मंदिर होते हुए 27 नवम्बर को काठमांडु स्थित पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि पशुपतिनाथ मंदिर में भगवान शिव का पूजन करने के बाद ही केदारनाथ की पूजा सफल होती हैं। उन्होंने बताया कि पांडवों को कुल हत्या का पाप लगा था। जब पांडव केदारनाथ आए तो भगवान शिव ने उन्हें दर्शन नहीं दिए और बैल का रूप धारण कर छिपने लगे। लेकिन भीम ने उन्हें पहचान लिया और जब उन्हें पकड़ना चाहा तो भगवान शिव का सिर नेपाल में पशुपतिनाथ मंदिर में और धड़ केदारनाथ धाम में विराजमान हुआ। गंगोत्री धाम के रावल शिव प्रकाश महाराज ने बताया कि नेपाल और भारत सांस्कृति रूप से एक दूसरे के बेहद करीब हैं। दोनों देशों के बीच हमेशा रोटी बेटी का संबंध रहा है। उन्होंने बताया कि प्राचीन काल से ही गंगोत्री धाम के रावल गंगा कलश यात्रा लेकर पैदल नेपाल जाते थे। यात्रा को दोबारा शुरू करने के बाद इस वर्ष विशाल कलश में ले जाए जा रहे 1100 लीटर गंगा जल से 27 नवम्बर को भगवान पशुपतिनाथ का अभिषेक कर विश्व कल्याण की कामना की जाएगी। इस अवसर पर निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी, भारत माता मंदिर के महंत महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, महंत रविपुरी, मुख्तियार रघुवन, स्वामी राजगिरी, एसएमजेएन कालेज के प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा, भाजपा नेता डा.विशाल गर्ग, भोला शर्मा, मोतीराम महाराज, परविन्दर पंडित, राकेश गोयल, मंनसा देवी मंदिर के ट्रस्टी अनिल शर्मा, सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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