प्रकृति के संरक्षण का संदेश देता है श्रावण माह-श्रीमहंत प्रेमदास
हरिद्वार, 13 जुलाई। नीलेश्वर महादेव मंदिर के परमाध्यक्ष श्रीमहंत प्रेमदास महाराज ने मंदिर में जलाभिषेक करने आए भक्तों और कांवड़ियों को शिव महिमा से अवगत कराते हुए कहा कि भगवान शिव के जलाभिषेक से तात्पर्य दिव्यता को आत्मसात कर आत्मा को प्रकाशित करना है। शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करने का उद्देश्य स्वयं की वातावरण की नकारात्मकता को दूर सकारात्मकता का समावेश करना है। श्रीमहंत प्रेमदास महाराज ने कहा कि श्रावण माह प्रकृति और पर्यावरण की समृद्धि, नैसर्गिक सौन्द्रर्य के संवर्धन और संतुलित जीवन का संदेश देता है। श्रावण मास में शिव आराधना के साथ प्रकृतिमय जीवन जीते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कार्य करें। उन्होंने कहा कि भगवान शिव को आशुतोष भी कहा गया है। भगवान शिव की आराधना के लिए कुछ अधिक की आवश्यकता नहीं है। शिव भक्ति भाव और जलाभिषेक से ही प्रसन्न होने वाले देव हैं। प्रत्येक भक्त को श्रावण में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए।
प्रकृति के संरक्षण का संदेश देता है श्रावण माह-श्रीमहंत प्रेमदास
