झूला पुल के टूटने से हताहत मृतकों की आत्मा की शांति के लिए श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के सभापति श्री महंत प्रेम गिरी जी के साथ भारी संख्या में संतों ने किया दीपदान
हरिद्वार। गुजरात के मोरबी में झूला पुल के टूटने से हताहत मृतकों की आत्मा की शांति के लिए श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के नागा संन्यासियों ने श्यामपुर कांगड़ी स्थित गंगा तट के कैलाश प्रेम गिरी घाट पर प्रार्थना की तथा दीपदान कर मृतकों के परिजनों को इस असहनीय दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की ।
अखाड़े के राष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरी महाराज,
महामंडलेश्वर संजय गिरी ,महामंडलेश्वर मोहनानंद यति, पुजारी वशिष्ठ गिरी ,थानापति राजेंद्र गिरि, महंत हीरा भारती, महंत महंत बीच में गिरी महंत आदित्य गिरी महंत केशवगिरी महंतो ग्वाला पुरी महंत रतन गिरी कोठारी महंत महाकाल गिरी आदि के नेतृत्व में नागा सन्यासी कैलाश प्रेम गिरी घाट पहुंचे, जहां सभी संतो ने दीप प्रज्वलित कर दिवंगत नागरिकों के लिए मां गंगा से प्रार्थना की। संतो ने पुष्पांजलि देते हुए सभी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। बाद में प्रेम गिरि धाम में सभी संतो ने श्रद्धांजलि सभा में 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। शोक सभा को संबोधित करते हुए जूना अखाड़े के राष्ट्रीय सभापति श्री महंत प्रेम गिरि महाराज ने कहा गुजरात के मोरबी की दुर्घटना पर पूरा संत समाज अत्यंत व्यथित है और मृतकों के प्रति पूरी सहानुभूति व्यक्त करते हुए उनके आश्रितों की हर संभव मदद देने को तैयार है । उन्होंने कहा भविष्य में इस प्रकार की अनहोनी ना हो इसके लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों को उचित कदम उठाने चाहिए । कहा हमारे उत्तराखंड में भी सैकड़ों झूला पुल है जिन पर रोजाना हजारों ग्रामीण आवाजाही करते हैं, उन्होंने कहा छड़ी यात्रा के दौरान साधु-संतों ने भी ऐसे कई झूला पुलों को पार किया है। जिनमें कई काफी पुराने हैं धामी सरकार को इन सभी फूलों को फूलों की मजबूती की जांच करानी चाहिए ताकि कोई अप्रत्याशित घटना ना हो सके । अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमंत हरिगिरी महाराज ने बताया जूना अखाड़े के मुख्य केंद्रों प्रयागराज, काशी ,उज्जैन, नाशिक, बरेली सहित सभी शाखाओं पर हताहत नागरिकों की आत्मा शांति के लिए शांति योग्य एवं विशेष पूजा-अर्चना कराई जा रही है।