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ऋषिकेश म्यूजिक फेस्टिवल – 2022 विश्व प्रवासी पक्षी दिवस* प्रसिद्ध सूफी गायक कैलाश खेर पधारे परमार्थ निकेतन

Bystaruknews

May 14, 2022

ऋषिकेश म्यूजिक फेस्टिवल – 2022 विश्व प्रवासी पक्षी दिवस* प्रसिद्ध सूफी गायक कैलाश खेर पधारे परमार्थ निकेतन

प्रसिद्ध सूफी गायक कैलाश खेर पधारे परमार्थ निकेतन। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने शंख ध्वनि से श्री कैलाश खेर जी का अभिनन्दन किया। उन्होंने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर आशीर्वाद लिया तथा आज विश्व प्रवासी पक्षी दिवस के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और श्री कैलाश खेर ने पक्षियों को दाना और पानी देकर पक्षियों के संरक्षण का दिया संदेश दिया।

परमार्थ निकेतन के दिव्य गंगा तट पर आज प्रातःकाल यज्ञ और सामवेद गायन के साथ ऋषिकेश म्यूजिक फेस्टिवल का शुभारम्भ हुआ। म्यूजिक फेस्टिवल की पूर्व संध्या पर सूफी गायक श्री कैलाश खेर ने सूफी संगीत से समा बांधा, सभी श्रद्धालु उनके संगीत पर मंत्र मुग्ध हो उठे। आज पुनः सांयकाल पूर्णानन्द मैदान में संगीत प्रेमियों ने सूरों के सम्राट श्री कैलाश खेर और कैलासा बैंड के संगीत का आनन्द लिया।

ऋषिकेश म्यूजिक फेस्टिवल – 2022 का आयोजन परमार्थ निकेतन, संगीत नाटक अकादमी, संस्कृति मंत्रालय, 75 वां आजादी का अमृत महोत्सव, उत्तराखंड राज्य और अन्य संस्थाओं के सहयोग से किया गया।

आज प्रातःकाल श्री स्वामी नारायण वैदिक ऋषिकुल द्वारा सामवेद गायन, संजीव और अश्विनी शंकर द्वारा शहनाई, स्मित तिवारी द्वारा सरोद वादन, आचार्य भुवन चंद्र, नादयोग स्कूल, ऋषिकेश, हैडपैन पर कार्यशाला बाबा कुटानी, ऋषिकेश, ड्रम सर्कल, अन्तर्राष्ट्रीय फ्यूजन संगीत, देवी म्यूजिक आश्रम, ऋषिकेश, बाउल संगीत, महादेव दास बाउल आदि अनेक दिव्य कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि संगीत भारत की आत्मा में बसता है। संगीत हमें कोलाहल से दूर एक शान्ति प्रदान करता है। भारतीय संगीत हमें हिमालयी गुफाओं की शांति देता है। संगीत बाहर का शोर तो समाप्त करता ही है बल्कि अन्दर के शोर को भी शान्ति में बदल देता है। स्ंागीत हमें दुनिया के शोर से दूर एक शान्त आसमान में विचरण कराता है।

स्वामी जी ने कहा कि प्रकृति का भी अपना एक ताल बद्ध संगीत होता है जो कर्णप्रिय और आनन्द देने वाला होता है। प्रकृति के संगीत को बनाये रखने के लिये हमें प्रकृति संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा।

भारतीय संगीत में केवल गायन ही नहीं है बल्कि इसमें ध्यान, योग या मनन की विभिन्न विधायें समाहित है इसे सुनते ही व्यक्ति एक अलग दुनिया में प्रवेश करता है।

‘विश्व प्रवासी पक्षी दिवस’ के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि देशी और प्रवासी पक्षियों को खतरों से बचाने तथा उनके जीवन की सुरक्षा के लिये हम सभी को पारिस्थितिक महत्त्व एवं पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देना होगा। स्वामी जी ने कहा कि प्रवासी पक्षियों और उनके आवासों के संरक्षण की अत्यंत आवश्यकता है। प्रवासी पक्षियों, उनके पारिस्थितिक महत्त्व, उनके समक्ष मौजूद चुनौतियों और उनके संरक्षण के सहयोग की आवश्यकता के संबंध में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।

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