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करूणा और सहिष्णुता से ही मानवता जीवित स्वामी चिदानन्द सरस्वती

Bystaruknews

May 1, 2022

करूणा और सहिष्णुता से ही मानवता जीवित स्वामी चिदानन्द सरस्वती

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि जिस प्रकार हम सभी अपने धर्म, संस्कृति और सभ्यता का सम्मान करते हैं; अपने उत्सव मनाते हैं, उत्साह व्यक्त करते हैं उसी प्रकार दूसरे धर्म के यदि उत्सव और त्यौहार हो रहे हैं तो उनमें भी खलल न डाले क्योंकि यह भक्ति नहीं है न ही इबादत है।
इबादत तो वह है जब हम दूसरों की हिफ़ाजत करें। हम अपने मिटटी की, वतन की देश की, दूसरों के संस्कृति; पर्व; त्यौहारों और दूसरों के एहसासों का सम्मान करें। अपनी सोच को बदलेंगे तो दिल एक होंगे और जब दिल एक होंगे तो देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया एक परिवार की तरह लगेगी आज का दिन खुद को प्यार देने और दुनिया में प्यार फैलाने का दिन है ‘ग्लोबल लव डे’।
वैश्विक स्तर पर प्रेम, करूणा, संवेदना और एकता की नितांत आवश्यकता है। हम खुश और प्रसन्न रहना चाहते है तो दूसरों को भी प्रसन्न करने हेतु मदद करना होगा; दूसरों के प्रति करुणा का भाव रखना होगा तथा सहिष्णुता का अभ्यास करना होगा तभी दुनिया में मानवता को जीवित रखा जा सकता है। ‘‘गुज़र रही है जिन्दगी, ऐसे मुकाम से, अपने भी दूर हो जाते हैं, जरा से जुकाम से। मानवता से दूरी न होने जाये और समाज से मानवता ना खो जाये इसका ध्यान रखना होगा और यही आज का दिन हमें शिक्षा देता है।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि सभी को सम्मान देना और एक खुशहाल जीवन जीने हेतु दूसरों की मदद करना बहुत जरूरी है। हमारे आस-पास की दुनिया में शान्ति युक्त सकारात्मक वातावरण के निर्माण में सहयोग करना तथा बिना किसी शर्त व बिना किसी भेदभाव के प्रेम करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। वर्तमान समय की सभी समस्यायें चाहे मानवीय हो या पर्यावरणीय हो उनके समाधान के लिये ग्लोबल साॅलिडारिटी जरूरी है। हम सभी मिलकर कदम बढ़ायें तो मुझे पूरा विश्वास है हम दुनिया हरित, स्वस्थ, समृद्ध और समुन्नत बना सकते हैं।
स्वामी जी ने कहा कि प्रेममय और शान्ति पूर्ण दुनिया के निर्माण में भले ही समय लगेगा परन्तु उसकी शुरूआत हम सब को मिलकर आज से ही करनी होगी। वर्तमान में पर्यावरण, प्रकृति और नदियों के संरक्षण के लिये उनके प्रति प्रेम और स्नेह की अत्यंत आवश्यकता है इसलिये प्रेम और करूणा के साथ पर्यावरणीय समस्याओं को हल कर इस दुनिया को बेहतर बनाने के लिये अपने समय दान करें और कम से कम किसी एक व्यक्ति के दिन, दिल और जीवन को रोशन करने के लिए थोड़ा सा प्रेम और समय देने की कृपा करें। आईये दुनिया में बिना शर्त प्रेम बांटें और प्रेम में ही परमेश्वर के दर्शन करें।

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