महादेव शिव की आराधना से अंसभव भी हो जाता है संभव -स्वामी कैलाशानंद गिरी

हरिद्वार, 7 अगस्त। श्री दक्षिण काली मंदिर में आयोजित निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी की पूरे सावन चलने वाली विशेष शिव आराधना निरंतर जारी है। स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि महादेव शिव की आराधना से असंभव भी सहज ही संभव हो जाता है। भगवान शिव की कृपा के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं करना पड़ते। केवल स्मरण मात्र से ही शिव प्रकट होकर अपने भक्तों की समस्त इच्छाएं पूर्ण कर देते हैं। शिव आराधना से बड़े से बड़े कष्ट और संकट भी दूर हो जाते हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। अत्यंत पवित्र सावन का प्रत्येक दिन पर्व के समान है। जिसमें भगवान शिव का रूद्राभिषेक करने से वे अत्यन्त प्रसन्न होते हैं। सावन में नियम और संयम से शिव आराधना करने से कई तीर्थो में स्नान करने के समान पुण्य प्राप्त होता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि सावन में ही समुद्र मंथन हुआ था। जिसमें निकले हलाहल विष के प्रभाव से संसार को बचाने के लिए भगवान शिव ने उसे अपने कंठ में धारण कर लिया था। जिससे उनका शरीर नीला हो गया और वे नीलकंठ कहलाए। विष के प्रभाव को दूर करने के लिए देवी देवताओं ने भगवान शिव पर गंगा जल चढ़ाया। इसके बाद से ही सावन में भगवान का रूद्राभिषेक करने की परंपरा शुरू हुई। जो भी व्यक्ति सावन में महादेव का रूद्राभिषेक करता है। शिव कृपा से उसके जीवन की सभी कठिनाईयां दूर हो जाती हैं। स्वामी कैलाशानंद गिरी के शिष्य स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि गुरूदेव की साधना का समापन श्रावण पूर्णिमा को होगा।