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जब संसार में कुछ नही था, तब शिव ही थे-साध्वी. अनन्या सरस्वती

साध्वी. अनन्या सरस्वती परमात्मा आश्रम हरिद्वार की विशेष शिव साधना निरंतर जारी है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तसाध्वी. अनन्या सरस्वती  किए जाने वाले रूद्राभिषेक के साक्षी बन रहे हैं। भक्तों को शिव महिमा का सार समझाते हूए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि शिव अनादि हैं। जब संसार में कुछ नही था। तब शिव ही थे। समस्त संसार शिव से ही उत्पन्न होता है और उनमें ही समाहित हो जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव जलाभिषेक से प्रसन्न होते हैं। जो भक्त नियमित रूप से भगवान शिव का जलाभिषेक करता है। वह शिव का प्रिय बन जाता है। शिव कृपा से बिगड़ा भाग्य भी संवर जाता है और जीवन धन, धान्य और आरोग्य से परिपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि शिव सहज और सरल हैं। उनकी कृपा प्राप्त करना अत्यन्त सरल है। भगवान शिव में विश्वास करते हुए नियम धारण कर प्रतिदिन उनका जलाभिषेक करें। शिव को इससे अधिक कुछ नहीं चाहिए। जलाभिषेक करते समय माता पार्वती का भी ध्यान करें तो शिव शक्ति की सम्मिलित कृपा के पात्र बन जाते हैं।  शिव साधना का श्रावण पूर्णिमा को होगा।

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