सद्गुरू के सानिध्य में ही होती है ज्ञान और विवेक की प्राप्ति-महंत सुतिक्ष्ण मुनि
हरिद्वार, 10 जुलाई। कनखल स्थित श्री अवधूत जगतराम उदासीन आश्रम के परमाध्यक्ष महंत सुतिक्ष्ण मुनि महाराज ने कहा कि गुरू के दिखाए मार्ग पर चलने और गुरु के आशीर्वाद से जीवन में ज्ञान का प्रकाश प्रवाहित होने लगता है। ज्ञान और विवेक ही व्यक्ति के जीवन को सार्थकता प्रदान करते हैं। जिसकी प्राप्ति सद्गुरु के सानिध्य में ही होती है। गुरू पूर्णिमा पर गुरूजन के उपरांत शिष्यों को संबोधित करते हुए महंत सुतिक्ष्ण मुनि महाराज ने कहा कि आज आधुनिकता के दौर में जब प्राचीन मूल्यों को भुलाया जा रहा है। ऐसे में गुरू पुर्णिमा का पर्व स्मरण कराता है कि मार्गदर्शन के बिना जीवन को कोई दिशा नहीं मिलती। ऐसे में एक सद्गुरू की आवाश्यकता है। सद्गुरू गुरू ही शिष्य को मार्गदर्शन प्रदान कर उसके जीवन को उन्नति की और ले जाता है। महंत सुतिक्ष्ण मुनि ने कहा कि गुरू के बिना भक्ति भी अधूरी है। गुरू ही शिष्य की आत्मा का परमात्मा से साक्षात्कार करवाकर मोक्ष का मार्ग प्रदान करते हैं।
सद्गुरू के सानिध्य में ही होती है ज्ञान और विवेक की प्राप्ति-महंत सुतिक्ष्ण मुनि
