श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ पर निकाली भव्य कलश यात्राजीवन को भवसागर से पार कर मोक्ष प्रदान करती है श्रीमद्भागवत कथा-स्वामी अमृतानंद
हरिद्वार, 25 जून। भूपतवाला स्थित जगदीश स्वरूप विद्यानंद आश्रम ट्रस्ट के परमाध्यक्ष स्वामी अमृतानंद महाराज की अध्यक्षता एवं स्वामी अनन्तानंद रामजी महाराज के संयोजन में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी विद्यानन्द महाराज की स्मृति में पंतदीप पार्किग में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। बैण्ड बाजों के साथ जगदीश स्वरूप आश्रम भूपतवाला से शुरू हुई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। कथा के शुभारंभ पर श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी अमृतानंद महाराज ने कहा कि गंगा तट पर संत महापुरूषों के सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से जीवन भवसागर से पार हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को पुण्यदायी श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन और श्रवण अवश्य करना चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि जन्म जन्मांतर के पुण्यों का उदय होने पर संत महापुरूषों के सानिध्य में कथा श्रवण अवसर मिलता है। इसलिए इस अवसर को कभी गंवाना नहीं चाहिए। स्वयं कथा श्रवण करने के साथ दूसरों को भी कथा सत्संग में शामिल होने के लिए प्रेरित करना चाहिए। कथाव्यास इन्द्रेश उपाध्याय ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा साक्षात श्रीहरि की वाणी और ज्ञान का अथाह भण्डार है। कथा के प्रत्येक सत्संग से अतिरिक्त ज्ञान की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि कथा से मिले ज्ञान के अनुरूप आचरण करने से जीवन बदल जाता है। कष्टों से मुक्ति मिलती है और परिवार में सुख समृद्धि वास होता है। स्वामी अनन्तानंद रामजी महाराज व स्वामी रविदेव शास्त्री ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया और कहा कि कथा के प्रभाव से अवश्य ही जनकल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा। इस अवसर पर स्वामी रविदेव शास्त्री, संत जमजीत सिंह, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी योगानंद, स्वामी दिनेश दास, स्वामी रामानंद, स्वामी ज्योर्तिमयानंद, स्वामी निर्मल दास, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, स्वामी सत्यदेव महाराज, स्वामी शिवम महंत सहित बड़ी संख्या में संतजन व श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ पर निकाली भव्य कलश यात्राजीवन को भवसागर से पार कर मोक्ष प्रदान करती है श्रीमद्भागवत कथा-स्वामी अमृतानंद
