भारत की धरोहर और जीवन रेखा है मां गंगा-मुखिया महंत रामनौमी दास
श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में किया गंगा महोत्सव का आयोजन


हरिद्वार, 6 जून। कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में गंगा महोत्सव का आयोजन किया गया। महंत धर्मप्रकाश के संयोजन में आयोजित किए गए गंगा महोत्सव की अध्यक्षता करते हुए अखाड़े के मुखिया महंत रामनौमी दास महाराज ने कहा कि राजा भगीरथ के कठोर तप के बाद जल रूप में स्वर्ग से पृथ्वी पर आयी मां गंगा जन-जन का कल्याण करती है। गंगा भारत की धरोहर और जीवन रेखा है। मोक्षदायिनी मां गंगा की पवित्रता और निर्मलता बनाए रखना प्रत्येक प्राणी का कर्तव्य है। महंत रूपेंद्र प्रकाश महाराज और महामंडलेश्वर कपिल मुनि ने कहा कि मानव कल्याण के लिए पृथ्वी पर आयी मां गंगा मानवीय गलतियों के चलते प्रदूषित हो रही है। गंगा की पवित्रता, निर्मलता, अविरलता बनाए रखने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। महंत धर्मप्रकाश महाराज ने कहा कि साक्षात दर्शन देने वाली मां गंगा का जल अत्यन्त पवित्र है। गंगा में स्नान, गंगा जल के दर्शन और आचमन मात्र से ही समस्त पापों से निवृत्ति हो जाती है। उन्होंने कहा कि भारतवासी भाग्यशाली हैं कि उन्हें गंगा समेत कई पवित्र नदियों का सानिध्य प्राप्त होता है। मां गंगा का धार्मिक के साथ आर्थिक महत्व भी है। गंगा भारत के बड़े भूभाग को सिंचित कर देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान करती है। महंत धर्मप्रकाश, कोठारी महंत राघवेंद्र दास, महंत गोविंददास, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत दामोदर शरण दास, महंत श्यामदास ने सभी संतों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इसके पूर्व सभी संतों ने राजघाट पर पूर्ण विधि विधान से मां गंगा की आरती और पूजन कर विश्व कल्याण की कामना की। कार्यक्रम का संचालन स्वामी हरिहरानंद ने किया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद, स्वामी जगदीश दास, महंत श्यामदास, महंत कैलाश मुनि, महंत सूरज दास, महंत शुभम गिरी, भारत माता मंदिर के आईडी शास्त्री, स्वामी दिनेश दास, महंत जयेंद्र मुनि, महंत राम मुनि, महंत जसविंदर सिंह, महंत विनोद महाराज, महंत श्याम प्रकाश, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि सहित सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों सम्मिलित हुए और महंत धर्मप्रकाश का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया।