प्रकृति के प्रति आदर, प्रेम और संरक्षण का संदेश देती है सनातन संस्कृति-श्रीमहंत मधूसूदन गिरी
श्री बापेश्वर धाम आश्रम के परमाध्यक्ष श्रीमहंत मधुसूदन गिरी महाराज ने विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर श्रद्धालु भक्तों को पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा देते हुए कहा कि सनातन संस्कृति प्रकृति के प्रति आदर, प्रेम और संरक्षण का संदेश देती है। सनातन धर्म ग्रंथों में मानव जीवन और प्रकृति के बीच गहरा संबंध बताया गया है। यदि हम प्रकृति का सम्मान करेंगे, तभी हमारा अस्तित्व सुरक्षित रहेगा। श्रीमहंत मधूसूदन गिरी महाराज ने कहा कि पृथ्वी हमारी माता और हम उसकी संतान हैं। पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश जीवन के मूल आधार हैं। प्रकृति से की जाने वाली छेड़छाड़ से पर्यावरण असंतुलित हो रहा है। जिससे कई प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति में दिए गए प्रकृति संरक्षण के सूत्रों को आत्मसात कर ही पर्यावरण को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राजा सगर के 60 हजार पुत्रों के उद्धार के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुई गंगा का पर्यावरण लगातार बिगड़ रहा है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को गंगा को निर्मल, अविरल बनाए के लिए सहयोग करना चाहिए। इस दौरान महंत हरिगिरी, महंत विवेक गिरी सहित कई श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।