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त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद मृत्युंजय सरस्वती महाराज-स्वामी चिदविलासानन्द सरस्वती

Bystaruknews

Apr 9, 2025

त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद मृत्युंजय सरस्वती महाराज-स्वामी चिदविलासानन्द सरस्वती


हरिद्वार, 9 अप्रैल। तीर्थनगरी की प्रसिद्ध धर्मस्थली आनंदवन समाधि सिद्धपीठ पर श्री शाम्भव योगपीठ समिति द्वारा आनंदवन समाधि सिद्ध पीठ के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी चिदविलासानंद सरस्वती महाराज के सानिध्य में संत समाज और श्रद्धालु भक्तों ने ब्रह्मलीन प्रेमानंद मृत्युंजय सरस्वती महाराज को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आनंदवन समाधि सिद्धपीठ के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी चिदविलासानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि त्याग, तपस्या व सेवा की साक्षात प्रतिमूर्ति ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद मृत्युंजय सरस्वती महाराज का समूचा जीवन वैदिक सनातन धर्म संस्कृति, विज्ञान, कला और साहित्य को समर्पित था। उन्होंने अनादि शाम्भव योग को पुनर्जीवित करने में भी अहम योगदान किया। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण में योगदान का संकल्प लेना चाहिए। श्रद्धाजंलि सभा की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद गिरी महाराज ने कहा कि देश की एकता अखंडता और सनातन धर्म संस्कृति को मजबूत करने में ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद मृत्युंजय सरस्वती महाराज का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि और महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद मृत्युंजय महाराज ने संत परंपरा को मजबूत करते हुए मानव कल्याण में अहम भूमिका निभायी। भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कहा कि संत महापुरूषों के सानिध्य में ही भक्तों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। श्रद्धाजंलि सभा में संतों ने पूर्व राज्यसभा सांसद रविंद्र किशोर सिन्हा के स्वास्थ्य लाभ की कामना भी की। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, म.मं.स्वामी ललितानंद गिरि, म.मं.डॉ.प्रेमानंद, म.मं.आत्मानंद, म.मं.अनंतानंद, म.मं.राममुनि, म.मं कपिलमुनि, स्वामी हरिबल्लभ शास्त्री, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद, म.मं. आत्मबोधानंद, स्वामी प्रणवानंद, गोविंददास, योगेंद्रानंद शास्त्री, स्वामी ब्रह्मानंद, स्वामी पूर्णानंद, स्वामी रामानंद, गोपालदास, विंध्यवासिनी दास, स्वामी विवेकानंद, स्वामी केशवानंद, स्वामी ब्रह्मानंद, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, स्वामी दिनेश दास, कथाव्यास आनंद स्वामी, महंत राघवेंद्र दास, महंत सुतिक्ष्ण मुनि, महंत सूरज दास, महंत रघुवीर दास, महंत प्रेमदास, सुभाष त्यागी, रामप्रसाद उपाध्याय सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।

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