• Wed. Sep 17th, 2025

Star uk news

अपना उत्तराखंड

सनातन धर्म संस्कृति और सेवा परंपरा को बढ़ावा देगा सेवाश्रय अखाड़ा-स्वामी संतोषानंद

Bystaruknews

Apr 2, 2025

सनातन धर्म संस्कृति और सेवा परंपरा को बढ़ावा देगा सेवाश्रय अखाड़ा-स्वामी संतोषानंद


महामंडलेश्वर राजगुरू स्वामी संतोषानंद महाराज ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति और समाज में सेवा परंपरा को बढ़ावा देने के लिए सेवाश्रय अखाडे़ का गठन किया गया है। श्री हनुमान सत्संग सेवाधाम द्वारा गठित सेवाश्रय अखाड़े का उन्हें संरक्षक तथा काशी के अरविन्द त्रिपाठी को अध्यक्ष बनाया गया है। भारतमाता पुरम स्थित एकादश रूद्र पीठ में जानकारी देते हुए स्वामी संतोषानंद महाराजi ji ने बताया कि सेवाश्रय अखाड़े का उद्देश्य सेवा के माध्यम से समाज को सनातन धर्म संस्कृति के प्रति जागरूक करना है। दीन दुखी और जरूरतमंद की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। ऋषि परंपरा के अनुसार सनातन धर्म कां संरक्षण संवर्द्धन करते हुए समाज में सेवा संस्कारों का प्रचार प्रसार किया जाएगा। सेवाश्रय अखाड़े के सेवा साधक समाज के बीच सेवा प्रकल्पों का संचालन करेंगे। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति में संत परंपरा सर्वोच्च है। संत परंपरा के माध्यम से ही समाज को ज्ञान की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार कुंभ में सेवाश्रय अखाड़ा संतों के साथ ऋषि परंपरांओं को आगे बढ़ाने में योगदान करेगा। महामंडलेश्वर राजगुरू स्वामी संतोषानंद महाराज ने कहा कि 2027 के हरिद्वार कुंभ और नासिक महाकुंभ में सेवाश्रय अखाड़ा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का पूर्ण सहयेाग करेगा। प्रयागराज महाकुंभ के बाद अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज के नेतृत्व में हरिद्वार कुभ और नासिक महाकुंभ दिव्य और भव्य रूप से संपन्न होगा। इस अवसर पर आचार्य अमित थपलियाल, सतीश पराशर, हरिओम शर्मा, सुरेंद्र शर्मा, मनोज भाटी, अन्नु धाकड़ आदि मौजूद रहे।

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने मुख्यमंत्री को दी जन्म दिवस की शुभकामनाएं
दुबई प्रवास पर पूज्य गुरुदेव का दिव्य प्रवचन कार्यक्रम भक्तों के लिए एक अलौकिक और अविस्मरणीय अवसर सिद्ध हुआ। हज़ारों श्रद्धालु भक्तगण बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ गुरुजी के पावन सान्निध्य में एकत्रित हुए और उनकी वाणी एवं आशीर्वचन का लाभ प्राप्त किया।
पुण्य तिथी पर संत समाज ने दी ब्रह्मलीन श्रीमहंत रघुवीर सिंह व श्रीमहंत गुरूबचन सिंह को श्रद्धांजलिविद्वान संत थे ब्रह्मलीन श्रीमहंत रघुवीर सिंह व श्रीमहंत गुरूबचन सिंह- श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed

Sory