रमजान का महीना आया है नूर लेकर हर रोजा इबादत का है एक सफर,, सच्चे दिल से खुदा की बंदगी में झुक जाए जो सर।। उसे मिलता है जन्नत का रहगुजर।। रमजान इस्लाम धर्म में आत्म शुद्धि,, धैर्य और इबादत का महीना है,, इस्लाम धर्म की पवित्र कुरान,, इसी महीने में नाजिल और अवतरित हुई थी,, इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक इस महीने में रोजा रखने का हुक्म खुदा ने दिया था।। रोजा रखने से इंसान में संयम सब्र और ईश्वर भय तकवा की भावना विकसित होती है, रमजान के पवित्र महीने में ज़कात दान और स़दका देने का खुदा की ओर से हुक्म है,, जिससे समाज में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद होती है।। दुआ है कि यह मुकद्दस महीना इबादत के साथ-साथ जुल्म और नफरत के खिलाफ एक पैगाम बने।। दुनिया में मोहब्बत अमन और भाईचारे का इंकलाब लाएं।।