सनातन धर्म की रक्षा और संरक्षण संवर्द्धन संत समाज का दायित्व-ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी
सनातन धर्म को गिराने के लिए संतों को किया जा रहा टारगेट-महामंडलेश्वर हिमांगी सखी
हरिद्वार, 6 नवम्बर। महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा और संरक्षण संवर्द्धन संत समाज का दायित्व है। संत समाज ने अपने इस दायित्व को हमेशा निभाया है। बहादराबाद स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कुमार स्वामी महाराज ने कहा कि प्राचीन काल से ही सनातन धर्म को मिटाने के प्रयास किए जाते रहे हैं। लेकिन संत समाज ने ऐसे प्रयासों को कभी कामयाब नहीं होने दिया। महामंडलेश्वर कुमार स्वामी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए पूरा संत समाज एकजुट है और सनातन विरोधियों के मंसूबों को कभी सफल नहीं होने देगा।
प्रैसवार्ता के दौरान महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहा कि सनातन धर्म को गिराने के लिए संतों को टारगेट किया जा रहा है। बहादराबाद स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहा कि महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी महाराज का एक एडिट वीडियो जारी किया गया। जिससे गलतफहमी उत्पन्न हुई। बाद में महामंडलेश्वर कुमार स्वामी स्वामी महाराज से मिलने पर सच्चाई सामने आयी। उन्होंने कहा कि इस घटना से यह भी सामने आया कि सनातन धर्म पर आघात करने के लिए संतों को टारगेट किया जा रहा है। इसलिए किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले से सच्चाई का पता अवश्य लगाएं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को बचाने के लिए परशुराम के रास्ते पर चलना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाज को बंटोगे तो कटोगे का मंत्र दिया है। उसका पालन करते हुए संतों को टारगेट करने वालों को मूंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। सरकार भी संतों की छवि खराब करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करे।
महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि संतों ने हमेशा ही देश और समाज का मार्गदर्शन किया है। प्राचीन काल से ही सनातन धर्म पर आघात किए जाते रहे हैं। लेकिन सनातन आज भी पूरी मजबूती से खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा उन्होंने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संदेश बंटोगे तो कटोगे को संत समाज जन-जन तक पहुंचाएगा।
इस अवसर पर स्वामी ऋषिश्वरानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी निर्मलदास, महंत दिनेश दास, महंत प्रह्लाद दास, स्वामी आशुतोष महाराज, स्वामी शिवम महाराज, संत गुरमेल सिंह, संत जगजीत सिंह, महंत विष्णुदास सहित कई संत महंत मौजूद रहे।