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नवरात्रि सप्तम दिवस देवी भागवत कथा

Bystaruknews

Apr 15, 2024


नवरात्रि सप्तम दिवस देवी भागवत कथा


हिंदू नव वर्ष चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के तत्वाधान में जिला कारागार रोशनाबाद जेल हरिद्वार में श्रीमद् देवी भागवत कथा

के सप्तम दिवस कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री जी ने बताया सातवें नवरात्रि के दिन मां काली का पूजन किया जाता है

श्रीमद् देवी भागवत महापुराण में वर्णन मिलता है जब शुभ निशुंभ नामक दैत्य पाताल लोक से पृथ्वी लोक पर आकर के ब्रह्मा जी की तपस्या कर ब्रह्मा जी से स्त्री के द्वारा हमारी मृत्यु हो यह वरदान प्राप्त करते हैं वरदान प्राप्त कर विचार करते हैं

कि जब कोई मनुष्य कोई देवता कोई राक्षस कोई पुरुष हमें मार ही नहीं सकता है भला कोई स्त्रि हमे में क्या मारेगी यह सोचकर स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया इस बीच रक्तबीज दमक दैत्य शिव की तपस्या करके वरदान प्राप्त करता है मेरी एक रक्त की बूंद पृथ्वी पर गिरने से हजारों रक्तबीज उत्पन्न हो शुंभ निशुंभ के साथ मिलकर के रक्तबीज देवताओं एवं मनुष्यों को सताने लगा तब सभी देवता एवं मनुष्य ने मिलकर के मां भगवती की आराधना की मां भगवती काली रूप में उत्पन्न होकर के रक्तबीज का रक्त पान कर शुंभ निशुंभ का संघार कर देती है तभी से भक्त मां काली का पूजन कालरात्रि के रूप में करते हैं महाकाल रात्रि का पूजन करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती है बहुत बड़ा प्रेत बाधा बुरी नजर बुरी हवा सब दूर हो जाती है इस अवसर पर जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने भी सभी बंधीयों को संबोधित करते हुए कहा वेद पुराण एवं शास्त्र के बताइए मार्ग पर चलते हुए अपने भीतर से बुराइयों को दूर करना चाहिए भीतर की बुराइयां तभी दूर होती है जब हम शास्त्रों का अध्ययन करते हैं एवं कथाओं का श्रवण करते हैं श्री अखंड परशुराम अखाड़ा राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक जी ने भी बंधीयों को संबोधित करते हुए कहा श्री अखंड परशुराम अखाड़ा हमेशा समाज कल्याण के लिए आगे रहता है समय-समय पर जिला कारागार में देवी भागवत श्रीमद् भागवत राम कथा एवं अनेकों प्रकार के आयोजन अखाड़े के द्वारा कराए जाते रहे हैं और आगे भी कराए जाएंगे ताकि हमारे भीतर की बुराइयां दूर हो एवं समाज में अच्छे नागरिक बनकर के हम अपना जीवन यापन कर सके इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी जी महाराज, महामंडलेश्वर ललितानंद जी महाराज,महंत गोविंद दास जी,महंत रामदास जी, शुभम गिरी,रूद्रानंद महाराज,अमर उपाध्याय,संतोष दिक्षित,लोकेश कुमा, खुश उपाध्यायअश्मित कौशिक,हर्ष पंडित, आशीष,सोनू,शशिकांत

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